अखिलेश के लिए सरदर्द बने आजम, रामपुर-मुरादाबाद सीट के लिए उम्मीदवारों के नाम पर जेल में बंद नेता ने लगाई मुहर

Loksabha Election 2024: रामपुर और मुरादाबाद में तो सपा उम्मीदवारों को अंदरूनी विरोध का सामना करना ही पड़ेगा।
Azam Khan
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लखनऊ, (हि.स.)। आखिरकार आजम खान और अखिलेश यादव की अंदरूनी कलह मुरादाबाद और रामपुर सीटों को लेकर सबके सामने जगजाहिर हो गयी। यह भी बात सामने आ गयी कि सपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसका असर पश्चिम के कुछ सीटों पर पड़ सकता है। वहीं रामपुर और मुरादाबाद में तो सपा उम्मीदवारों को अंदरूनी विरोध का सामना करना ही पड़ेगा।

आजम के दबाव में रूचि वीरा को मुरादाबाद से टिकट दे दिया गया

यह सपा नेताओं को भी ताज्जुब हो रहा है कि मुरादाबाद से एसटी हसन का सासंद होने के बावजूद अंतिम समय में टिकट काटकर आजम के दबाव में रूचि वीरा को टिकट दे दिया गया। 2019 में एसटी हसन को मुरादाबाद से 50.65 प्रतिशत वोट मिले थे। उन्हें कुल 6,49,416 मत मिले थे, जबकि भाजपा उम्मीदवार कुंवर सर्वेश कुमार को 5,51,538 मत मिले थे। वहीं कांग्रेस के राजबब्बर 59,198 मत पाकर तीसरे स्थान पर थे। चौथे स्थान पर नोटा था, जिस पर 5,757 लोगों ने बटन दबाया था।

वहां सपा के ही एक गुट का उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ेगा

एस.टी. हसन के बदले जिस रूचि वीरा को सपा ने अंतिम समय में अपना उम्मीदवार बनाया है, उसी रूचि को 2015 में सपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बाहर का रास्ता खुद दिखा दिया था। इसके बाद वे बसपा में शामिल हो गयी थीं। 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने बिजनौर से चुनाव लड़ाया, लेकिन वे हार गयीं। 2023 में बसपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद वे आजम खां के सहारे अंतिम समय में मुरादाबाद से टिकट लेने में कामयाब हो गयीं। वे अब सपा में सच्चे सिपाही के तौर पर रह पाएंगी अथवा नहीं, यह तो आने वाला समय बताएगा। इतना जरूर है कि वहां सपा के ही एक गुट का उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ेगा।

आसिम रजा ने भी सपा से ही नामांकन पत्र जमा कर दिया है

रामपुर की सीट से 2019 में समाजवादी पार्टी से आजम खां 5,59,177 वोट पाकर भाजपा के 4,49,180 वोट पाने वाली जया प्रदा को हराया था, लेकिन आजम को सजा होने के बाद उनकी सासंदी चली गयी और उपचुनाव में भाजपा के घनश्याम सिंह लोधी ने सपा के मो. आसिम राजा को 42,192 मतों से हरा दिया। इसी कारण सपा के एक वर्ग का मानना है कि आजम खान का प्रभाव तभी दिखता है, जब वे जेल से बाहर रहते हैं। जेल के अंदर रहकर उन्होंने उलटफेर कराकर अपनी ही पार्टी के अंदर मतभेद पैदा करने का काम किया है। अब रामपुर से एक तरफ मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी ने सपा से पर्चा भरा है, वहीं आसिम रजा ने भी सपा से ही नामांकन पत्र जमा कर दिया है। अब वहां सपा का अधिकृत प्रत्याशी कौन होगा, यह भी आने वाला समय ही बताएगा।

बसपा ने पश्चिम में ज्यादातर मुस्लिम चेहरा लोकसभा चुनाव में दिये हैं

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि रामपुर और मुरादाबाद में आजम खान ने अंतिम समय में विरोध दर्ज कराकर सपा के लिए सिरदर्द पैदा कर दिया है। वह भी ऐसी स्थिति में जबकि बसपा ने पश्चिम में ज्यादातर मुस्लिम चेहरा लोकसभा चुनाव में दिये हैं। इससे मतों का बटवारा होने का खतरा बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में अमरोहा, रामपुर, बदायूं, नगीना, आंवला और मेरठ की सीटों पर सपा के लिए खराब असर डाल सकते हैं।

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