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काव्य रूप में पढ़ें श्रीरामचरितमानस: भाग-47
अंगद यों बोला बिहंस, कुछ दिन का है खेल फिर निश्चित हो जाएगा, उनसे तेरा मेल। उनसे तेरा मेल, अधिक चिन्ता क्या करना राघव के बाणों से लिखा तुम्हारा मरना। कह ‘प्रशांत’ मत मेरे सम्मुख नीति बखानो हे रावण, जो मैं कहता हूं उसको मानो।।21।। - इक रावण था जीतने, क्लिक »-www.prabhasakshi.com