नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। लोकसभा चुनाव का समय बहुत ही नजदीक आ चूका है, चुनाव आयोग कभी भी लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। इससे पहले सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी सीटों के समीकरण बनाने में जुटे हुए हैं।
भाजपा जयंत चौधरी के साथ गठबंधन बनाने में सफल हो गयी है
कोई भी दल गठबंधन बनाने से नहीं कतरा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाने के लिए मुहर लगा दी है। वहीं भाजपा जयंत चौधरी के साथ गठबंधन बनाने में सफल हो गयी है। अब भाजपा और सपा में राजा भैया को अपने पाले में लाने की होड़ लगी हुई है। देखना होगा कौन उन्हें अपने पाले में लाने में सफल होते हैं।
सपा और बीजेपी की यह मुलाकात राज्यसभा को लेकर रणनीति बनाने के लिए थी
अभी दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के सपा अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने राजा भैया(रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया) जो कि जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के मुखिया हैं से मुलाकात की थी। नरेश उत्तम पटेल ने राजा भैया की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी फोन में बात कराई थी। इस मुलाकात के अगले ही दिन उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और यूपी सरकार में मंत्री जेपीएस राठौर राजा भैया से मुलाकात करने पहुंचे थे। अगर सूत्रों की बात माने तो सपा और बीजेपी की यह मुलाकात राज्यसभा को लेकर रणनीति बनाने के लिए थी।
अगर राजा भैया सपा के साथ आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है
वहीं अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव के मध्य नजर राजा भैया की पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर राजा भैया सपा के साथ आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। अखिलेश यादव ने भाजपा के गठबंधन को लेकर भी बड़ी बात कह डाली है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगियों को 2-2 मंत्री पद देने का वादा किया है। वे कैसे सभी को ये 2 -2 मंत्री पद देंगे? जिन्हे मंत्री पद नहीं मिलेगा वे नाराज होंगे और हम उनका समर्थन ले लेंगे।
मेरे लिए सपा कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है
राजा भैया ने भी सपा के साथ गठबंधन के संकेत दे दिए हैं। उनके दिए बयान से यह साफ़ साफ नजर आता है। जब राजा भैया से नरेश उत्तम पटेल और भूपेंद्र चौधरी से मुलाकात को लेकर पूछा गया तो राजा भैया ने कहा कि मैने 28 सालो में 20 साल सपा को दिए हैं। मेरे लिए सपा पहले है। मेरे लिए सपा कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है।
इसी को लेकर भाजपा के नेता राजा भैया से मिले थे
दरअसल उत्तर प्रदेश में राजयसभा की 10 वीं सीट के लिए सपा और भाजपा पर्याप्त समर्थन जुटाने के लिए मशक्कत कर रहे है। समाजवादी पार्टी को अपने तीसरे उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने के लिए 2 विधायकों के समर्थन की जरुरत है। जो कि 2 विधायकों का समर्थन राजा भैया के पास है ही। एक समर्थन राजा भैया का खुद का रहेगा और दूसरा उनके विधायक विनोद सोनकर का रहेगा। वहीं भाजपा भी उत्तर प्रदेश से अपना 8वां उम्मीदवार राज्यसभा भेजना चाहती है। इसी को लेकर भाजपा के नेता राजा भैया से मिले थे।
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