नई दिल्ली रफ्तार डेस्क।4 May 2024। वैशाख माह में जो एकादशी पड़ती है उसे वरुथिनी एकादशी कहा जाता हैं। मान्यता है कि भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा इस दिन करने से भय से मुक्ति मिलती है और पुण्यों की प्राप्ति होती है। अगर आप इस एकादशी में व्रत रखने वाले हैं तो यह जान ले की वास्तु के अनुसार क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार आज के दिन विष्णु भगवान के वराह अवतार पूजा अर्चना की जाती है। कहते हैं कि भगवान को नीला रंग बहुत पसंद है इसीलिए नीले फूल और नील रंग का ही भोग लगाएं।
एकादशी के दिन दान करने का भी बहुत महत्व है लेकिन वास्तु के अनुसार वस्त्र, अनाज और धन के अलावा आप नीले रंग की वस्तुएं अथवा नीले रंग के आभूषण का दान कर सकते हैं इससे भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं।
वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा के दौरान मन में किसी के प्रति क्रोध न लाएं। क्योंकि ऐसा करने से भगवान भी क्रोधित हो जाते हैं और क्रोध अवतार में आते हैं।
एकादशी के दिन तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित माना गया है। ऐसा करने से भगवान नाराज हो जाते हैं और आपको कोई भी फल प्राप्त नहीं होता।
वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत रखने से आप चंद्र दोष से भी छुटकारा पा सकते हैं। अगर आपकी कुंडली में चंद्र दोष का प्रभाव है तो उसे कम कर सकते हैं। क्योंकि एकादशी व्रत का सीधा प्रभाव मन और शरीर दोनों पर पड़ता है।
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