भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को बताया कि प्रज्ञान रोवर दक्षिणी ध्रुव पर चंद्र रहस्यों की खोज में शिव शक्ति प्वाइंट के आसपास घूम रहा है।
chandrayaan-3: भारत चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चन्द्रयान उतारने वाला पहला देश बन गया है। इसरो सूर्य को लेकर 'आदित्य एल 1' मिशन लांच करने जा रहा है। इसके बाद शुक्र भी इसरो के लक्ष्यों में सम्मिलित है
इसरो के मुताबिक मिशन का पहला उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करना था, जो पूरा हो गया है और चंद्रमा पर घूमने वाले रोवर का प्रदर्शन भी पूरा हो गया है।
Chandrayaan 3: चंद्र मिशन की सफलता के बाद अब भारत जल्दी ही सूर्य के अध्ययन के सफर पर निकलेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सूर्य के लिए आदित्य मिशन की तैयारी कर ली है।
Chandrayaan 3 Landing: चंद्रयान-3 आज चांद पर पहुंचेगा। इस दौरान चांद पर लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' भूकंप की स्टडी, सतह पर गर्मी का अध्ययन, पानी की खोज, खनिज की जानकारी और मिट्टी की स्टडी करेगा।
Chandrayaan-3: इसरो के ट्वीट में कहा गया – “चंद्रयान-3 मिशन: लैंडर मॉड्यूल (एलएम) ने कहा, ‘सवारी के लिए धन्यवाद, दोस्त!’ एलएम को प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है।
Chandrayaan-3 Launch Today: ISRO का मून मिशन 'चंद्रयान 3' चांद के लिए उड़ान भर चुका है। इस चंद्रयान 3 मिशन की थीम Science Of The Moon यानी चंद्रमा का विज्ञान है।
इसरो ने बताया कि चंद्रयान 3, चंद्रयान 2 का ही अगला मिशन है। यह चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। इसमें लैंडर और रोवर शामिल हैं। यह चंद्रयान 2 की तरह ही दिखेगा।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर 2946 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की। समारोह में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया।
Chandrayaan 3: चंंद्रमा की सतह पर निष्क्रिय किए गए चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को शनिवार को एक बार फिर से सक्रिय किया जाएगा। इसरो ने 23 सितंबर को दोनों को सक्रिय करने की योजना बनाई