Chandrayaan-3: अब बढ़ रही चांद को छूने की तमन्ना, स्टार्टअप को भा रही चंद्रयान की सफलता, चार से बढ़कर अब 150

अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या साल 2014 में चार से बढ़कर अब 150 हो गई।
डॉ. जितेंद्र सिंह
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नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने राज्य सभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी दूरदर्शिता से चंद्रयान-3 मिशन को सक्षम बनाया और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए बजट आवंटन बढ़ाया। जिसके परिणामस्वरूप अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या साल 2014 में चार से बढ़कर अब 150 हो गई है। उन्होंने कहा कि साल 1990 के दशक से इसरो द्वारा लॉन्च किए गए 424 विदेशी उपग्रहों में से 90 प्रतिशत से अधिक पिछले नौ वर्षों में लॉन्च किए गए हैं।

बुधवार को राज्यसभा में "चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग द्वारा चिह्नित भारत की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा" विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए जितेन्द्र सिंह ने कहा कि "हमारे चंद्रयान पर हमें सिर्फ 600 करोड़ रुपये का खर्च आया है, जबकि उसी दौरान रूस द्वारा 16 हजार करोड़ रुपये से तैयार चंद्र मिशन सफल नहीं हुआ।

भारत के वैज्ञानिक समुदाय की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को लागत प्रभावी अंतरिक्ष मिशन की अवधारणा दी है। हमारे आदित्य मिशन पर हमें लगभग 380 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है। उन्होंने बताया कि अब तक विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण से 174 मिलियन अमेरिकी डॉलर कमाए हैं। इन 174 मिलियन डॉलर में से 157 मिलियन डॉलर पिछले नौ वर्षों में ही कमाए गए हैं। पिछले 30 वर्षों या उससे भी अधिक वर्षों में अब तक लॉन्च किए गए यूरोपीय उपग्रहों में से, उत्पन्न कुल राजस्व 256 मिलियन यूरो हैं। पिछले नौ वर्षों में 223 मिलियन यूरो, लगभग 90 प्रतिशत कमाया गया है।

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