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कर्नाटक कैबिनेट विस्तार फिर से ठंडे बस्ते में, दिल्ली में हुई बैठक में नहीं हुई कोई चर्चा

नई दिल्ली/बेंगलुरु, 21 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा के कई नेताओं की कैबिनेट विस्तार के तहत मंत्री बनने की उम्मीदें एक बार फिर धराशायी हो गईं। ऐसा इसलिए, क्योंकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने स्पष्ट किया है कि शनिवार को दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ उनकी बातचीत में यह मुद्दा नहीं उठाया गया। मुख्यमंत्री ने पार्टी आलाकमान से चर्चा के लिए राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा की। उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान कैबिनेट विस्तार के मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई, क्योंकि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पृष्ठभूमि में बीबीएमपी और स्थानीय निकायों के चुनावों पर ध्यान केंद्रित किया गया। नई दिल्ली में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, उन्होंने कहा, मैंने गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशानुसार भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से मुलाकात की। हमने विधान परिषद और राज्यसभा चुनावों पर चर्चा की। मैंने प्रस्तुत सूची के बारे में विवरण प्रदान किया। बोम्मई ने कहा, विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन 24 मई है। निर्णय तत्काल लिए जाएंगे। 31 मई राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है। हाल ही में राज्य कोर कमेटी की बैठक में हुई चर्चा से अरुण सिंह को अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा है कि वह जल्द से जल्द फैसला लेंगे। कर्नाटक मंत्रिमंडल की निर्धारित शक्ति 34 है, जबकि वर्तमान में 5 रिक्तियां बनी हुई हैं। कहा जा रहा है कि सत्ताधारी पार्टी कुछ मंत्रियों को हटाकर और नए चेहरों को शामिल करके एक फेरबदल के विचार में है। --आईएएनएस एकेके/एएनएम

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