Gyanvapi: मुस्लिम पक्ष को लगा झटका, इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला- "व्यास तहखाने में जारी रहेगी पूजा"

Uttar Pradesh News: ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी तहखाने में मुस्लिम पक्ष की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बहुत बड़ा झटका लगा है।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। ज्ञानवापी परिसर के व्यास जी तहखाने में मुस्लिम पक्ष की ओर से पूजा पाठ को रोकने की याचिका पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा - "व्यास जी तहखाने में पूजा जारी रहेगी"। मुस्लिम पक्ष आज कोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है।

वाराणसी जिला अदालत का फैसला रहा बरकरार

हरिशंकर जैन, हिंदू पक्ष के वकील ने इस पर कहा कि "हम इस फैसले का स्वागत करते हैं, वाराणसी डिस्ट्रिक कोर्ट का फैसला जारी रहा, हमें इस बात की खुशी है।" मुस्लिम पक्ष को आज कोर्ट की ओर से बहुत बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिला अदालत ने 31 जनवरी को वाराणसी जिला अदालत ने न हिंदू पक्ष की ओर से दायर याचिका पर फैसला में कहा था कि एक पुजारी को दक्षिणी तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी जाए, क्योंकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के "निर्माण से पहले वहां एक हिंदू मंदिर मौजूद था"। इस फैसले के बाद हिंदू पक्ष ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और उसी रात ज्ञानवापी परिसर के व्यास जी तहखाने में सफाई करने के बाद पूजा शुरू कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने का दिया था आदेश

मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने जिला अदालत के आदेश के खिलाफ हस्तक्षेप की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तत्काल आवेदन दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के आदेश दिया था।

मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट में दर्ज की थी याचिका

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 15 फरवरी को दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर रखा था। हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट सी एस वैद्यनाथन व विष्णु शंकर जैन ने पक्ष रखा था। वहीं मुस्लिम पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी व यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने पक्ष रखा था। काशी विश्वनाथ ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता विनीत संकल्प ने दलीलें पेश की थीं। मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने व्यास जी तहखाने में पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने के जिला जज वाराणसी के फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।  

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