
नई दिल्ली, (हि.स.)। महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के बागी विधायकों की अयोग्यता के मामले में एक अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। एनसीपी विधायक जयंत पाटिल ने विधानसभा के स्पीकर की ओर से अयोग्यता के मामले को जान बूझकर लटकाए रखने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
स्पीकर के विधायकों के नोटिस ना देने पर नाराज है जयंत पाटिल
जयंत पाटिल ने अपनी अर्जी में कहा है कि दो महीने से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अब तक स्पीकर ने विधायकों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब भी नहीं किया है। पाटिल की अर्जी के मुताबिक विधायकों के अयोग्यता की अर्जी 2 जुलाई को दाखिल की गई थी जबकि रिमाइंडर 5 सितंबर और प्रतिवेदन 7 सितंबर को दिया गया था। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने स्पीकर से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर मामले पर शीघ्र निर्णय करने का आग्रह किया था। इसके बावजूद अभी तक कुछ नहीं हुआ।
बागी विधायकों ने आयोग में लगाई है अर्जी
पाटिल ने अपनी याचिका में निर्वाचन आयोग में चल रहे मामले का भी जिक्र करते हुए कहा कि बागी विधायकों ने आयोग में अर्जी लगाई है, जिस पर नोटिस जारी हो चुका है। उधर, विधानसभा में स्पीकर ने शरद पवार गुट की ओर से नौ जुलाई को दी गई अर्जी पर भी कोई कार्यवाही नहीं की। इसमें अनुशासनहीनता के आरोपित विधायकों की अयोग्यता पर शीघ्र निर्णय लेने की बात कही गई है।
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