
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच चल रहें मुठभेड़ में सेना के तीन अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं। शहीदों में सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, बटालियन कमांडिंग मेजर आशीष धोनैक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट का नाम शामिल हैं। हमारे इन वीर सपूतों की शहादत के बाद पूरा देश गमगीन है।
मुठभेड़ अभी जारी
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह अनंतनाग जिले के गारोल इलाके में आतंकवादियों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों पर गोली चला दी, जिसके बाद यह हदसा हो गया। मुठभेड़ अभी जारी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षाबलों का एक जवान लापता है, आशंका है कि वह गंभीर रूप से घायल हो सकते है। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े प्रतिबंधित संगठन रेजिस्टेंट फ्रंट ने ली है। यह वही आतंकी हैं, जिनसे 4 अगस्त को कुलगाम के जंगल में मुठभेड़ के दौरान 3 जवान शहीद हो गए थे।
मुठभेड़ में दो आतंकी मरे
पुलिस के अनुसार अनंतनाग में लश्कर के 2 आतंकी छिपे हैं, जिन्हें सेना ने घेर लिया है। इनमें से एक नागम कोकरनाग का रहने वाला उजैर खान है। उजैर, पिछले साल जुलाई में लश्कर से जुड़ा था। सेना और पुलिस अब दोनों पाकिस्तानी आतंकवादियों के सफाए के लिए ऑपरेशन चला रही है, जो उनके मारे जाने तक जारी रहेगा। हालांकि मुठभेड़ में दो आतंकी भी मारे गए हैं।
पाकिस्तान से आए आतंकी
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और राजौरी में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। पाकिस्तान से आए आतंकवादियों की ओर से होने वाले इस दुस्साहस ने एक बार फिर याद दिलाया कि घाटी से आतंक का सफाया अभी बाकी है। बता दें कि मंगलवार और बुधवार रात खुफिया जानकारी मिलने के बाद इस ऑपरेशन को शुरू किया गया था। सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू करते ही आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। दोपहर 1 बजे तक सेना के ऑफिसर के जख्मी होने की खबर आई गई थी।
कैसे शुरू हुआ पूरा घटनाक्रम?
अधिकारियों के अनुसार खुफिया जानकारी मिलने के बाद इस ऑपरेशन को शुरू किया गया था। इसमें पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम ने अनंतनाग के कोकरनाग के हलूरा गंडूल इलाके में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। जैसे ही संयुक्त टीम संदिग्ध स्थान की ओर बढ़ रही थी। और सुरक्षाबल के अधिकारी उस स्थान पर पहुंच गए जहां जहां 2-3 आतंकवादियों के छिपने की सूचना मिली थी, लेकिन जैसे-जैसे वे करीब पहुंच रहें थे। वहां पहले से घात लगी कर बैठे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई। गोलीबारी के दौरान सेना के एक अधिकारी और एक पुलिस अधिकारी को गोली लग गई। आनन-फानन में हेलिकॉप्टर से एनकाउंटर में घायल अफसरों को एयरलिफ्ट किया गया।
कश्मीर में 3 साल का सबसे बड़ा हमला
कश्मीर में पिछले तीन साल में यह सबसे बड़ा हमला है, जिसमें इतने बड़े अफसरों की शहादत हुई है। इससे पहले कश्मीर के हंदवाड़ा में 30 मार्च 2020 को 18 घंटे चले हमले में कर्नल, मेजर और सब-इंस्पेक्टर समेत पांच अफसर शहीद हुए थे। इस साल जनवरी से अब तक जम्मू-कश्मीर में 40 आतंकी मारे गए हैं। इनमें 8 ही स्थानीय थे और बाकी सभी पाकिस्तानी थे।
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