Jharkhand: CM हेमंत सोरेन की पार्टी में मची सियासी हलचल; इस कंडीशन में पत्नी कल्पना को बना सकते हैं CM?

New Delhi: ED की अगली कार्रवाई और राजभवन से लिफाफा के संबंध में कोई निर्णय लिए जाने पर CM हेमंत सोरेन के सामने कोई विषम परिस्थिति पैदा होती है, तो वह अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सत्ता सौंप सकते हैं।
CM Hemant Soren
CM Hemant Soren Raftaar.in

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। राज्य में सत्तारूढ़ झामुमो के गांडेय विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। झारखंड विधानसभा सचिवालय की ओर से इस्तीफे को कारण बताते हुए गांडेय विधानसभा सीट रिक्त होने से संबंधित अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी गई है। डॉ. अहम के इस्तीफे के बाद राज्य में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।

हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सत्ता सौंप सकते हैं सत्ता की चाबी

चर्चा है कि ईडी की अगली कार्रवाई और राजभवन से लिफाफा के संबंध में कोई निर्णय लिए जाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने कोई विषम परिस्थिति पैदा होती है, तो वह अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सत्ता सौंप सकते हैं। इसके बाद कल्पना सोरेन को आदिवासी, अल्पसंख्यक बहुल अनारक्षित सीट गांडेय से चुनाव मैदान में उतार सकतेहैं। सरफराज के अचानक इस्तीफा देने से सूबे की सियासत में उफान आ गया है। विरोधी दल भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री राज्य के ऐसे हालात के लिए जिम्मेदार हैं। उनके पास अब कहने को कुछ नहीं है, लेकिन सत्ता की चाबी परिवार के बाहर नहीं जाए, इसलिए वह पत्नी को ही सीएम बनाना चाहते हैं।

दूसरी ओर सत्ता पक्ष ने अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है, लेकिन कयास यही हैं कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ओडिशा की रहने वाली हैं, ऐसे में उन्हें अनारक्षित सीट से ही लड़ाया जा सकता है। गांडेय अनारक्षित सीट है। अल्पसंख्यक और आदिवासी बहुल होने के कारण गठबंधन के लिए गांडेय एक सुरक्षित सीट के तौर पर देखा जा रहा है।

नए साल का आगाज सियासी सरगर्मी के साथ हुआ

सरफराज 2005 में राजद से गांडेय सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन झामुमो के सालखन सोरेन से हार गए। 2009 में सरफराज कांग्रेस से चुनाव लड़े और जीते। 2014 में देश में मोदी की लहर में सरफराज हार गए और भाजपा के जेपी वर्मा ने जीत दर्ज की। 2019 में यह सीट झामुमो, कांग्रेस, राजद गठबंधन के खाते में चली गई। यह गठबंधन अब भी है। जाहिर है कड़कड़ाती ठंड में नए साल का आगाज सियासी सरगर्मी के साथ हुआ है।

5 जनवरी का दिन माना जा रहा अहम

नया साल का पहला सप्ताह बड़ी राजनीतिक गतिविधियों से भरा होने जा रहा है। नए साल के पहले दिन झारखंड की राजनीति में उथल-पुथल का संकेत मिल गया है। दो बड़ी वजहों से झामुमो ने अपनी रणनीति तैयारी कर ली है। सहयोगी दल कांग्रेस पार्टी और राजद को भी विश्वास में लिया जा रहा है। वैसे सूबे में 5 जनवरी तक बड़े सियासी बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं।

राजनीतिक स्थिति पर पार्टी की नजर

झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय के अनुसार डॉ. अहमद के इस्तीफे की जानकारी पार्टी को मिली है। किन परिस्थितियों में इस्तीफा दिया है, यह तो बेहतर सरफराज ही बता पाएंगे। वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर पार्टी की नजर है।

2024 राजनीतिक उठापटक का साल

हेमंत मुख्यमंत्री ने सोमवार को खरसावां में कहा 2024 राजनीतिक उठापटक का साल होगा। आदिवासियों को एकजुट होना होगा। देश और राज्य के लिए अपनी ताकत दिखानी होगी, नहीं तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा। गैर भाजपा शासित राज्यों को तबाह करने के लिए भाजपा हर दिन षड्यंत्र रच रही है। सरकार के 4 साल पूरे होने पर भव्य समारोह में उमड़े जनसैलाब को देखकर विरोधियों की आंखें फटी रह गईं। उसी दिन शाम में एजेंसियों को सक्रिय कर दिया गया, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं। उनकी सरकार 5 साल पूरा करेगी और अगली बार भी उनकी सरकार ही बनेगी।

गठबंधन की मजबूती के लिए इस्तीफा दिया

डॉ. सरफराज अहमद ने कहा कि इस्तीफा उनका व्यक्तिगत फैसला है। यह कदम उन्होंने गठबंधन सरकार और इसके नेतृत्व को मजबूत करनेके लिए उठाया है। वह झामुमो की मजबूती के लिए पूरी शिद्दत से काम करते रहेंगे। पार्टी से नाराजगी का प्रश्न ही नहीं है। अपना इस्तीफा 31 दिसंबर को दिया। इसी दिन से गांडेय विस सीट को रिक्त होने की अधिसूचना विस सचिवालय ने जारी की है।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in