नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। भारत के सबसे बड़े और मशहुर अखबार द इंडियन एक्सप्रैस न्यूजपेपर ने देश के सबसे ताकतवर लोगों की आज लिस्ट जारी की है। जिसमें राजनेता, बिजनसमैन, खिलाड़ी, फिल्मी कलाकार आदि शामिल हैं। इस लिस्ट में सबसे टॉप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम है। इस लिस्ट में दूसरे पायदान पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आते हैं।
BJP के नेता टॉप पर
द इंडियन एक्सप्रैस की टॉप 10 लिस्ट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ डॉ. मोहन भागवत को छोड़कर इस लिस्ट में लगभग सभी BJP के बड़े-बड़े नेता के नाम शामिल हैं जिनमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। इनके अलावा नम्बर 4 पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ को मिला है।
1. इस लिस्ट में पहले रैंक पर PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ भारत ही नहीं टाइम्स की मोस्ट प्रभावशाली लिस्ट में भी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को पीछे पछाड़ा है। आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की वापसी की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं।
2. इस लिस्ट में दूसरे रैंक पर अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को दूसरा स्थान मिला है। उनकी राजनीतिक कौशल शैली को मात देने में अच्छे-अच्छों का पसीनी छुट जाता है। इसलिए उन्हें BJP का चाणक्य भी कहा जाता है। उनके मार्गदर्शन में BJP ने कई राज्यों में अपनी सरकार बनाई।
3. इस लिस्ट में तीसरे रैंक पर मोहन भागवत
डॉ. मोहन भागवत उस समय RSS के सरसंघचालक हैं जब संघ परिवार सत्ता में अपनी सबसे लंबी पारी का जश्न मना रहा है। अनुच्छेद 370 और राम मंदिर इनके प्रमुख वैचारिक मील के पत्थर माने जाते हैं। पीएम मोदी ने अपने 22 जनवरी के भाषण में इस बात को रेखांकित किया कि राम मंदिर "राम से राष्ट्र" और "देव से देश" की यात्रा का प्रतीक है।
4. इस लिस्ट में चौथे रैंक पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अपनी विद्वता, दूरदर्शिता और चातुर्य का परिचय देते हुए सुप्रीम कोर्ट को एक स्थिर, पक्षपात रहित, न्याय और सच्चाई का प्रतीक बनाने में अहम भूमिका निभाई है। एक महत्वपूर्ण चुनावी वर्ष में जहां विपक्ष बिखरा हुआ है, हर अवलोकन, हर फैसले पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। ऐसे में चीफ जस्टिस ने देश की न्याय के मंदिर को स्वच्छ और पवित्र बनाए हुए हैं।
5. इस लिस्ट में पाचवें रैंक पर एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने कार्यकाल के लगभग 5 साल बाद विचारक-राजनयिक-राजनीतिज्ञ वैश्विक मंच पर मोदी सरकार की सबसे मुखर आवाज़ बनकर उभरे हैं। उनके तीखे जवाब "भारत एक महीने में रूस से कम तेल आयात करता है जितना यूरोप एक बार में करता है।" इस बात को लोगों ने बेहद पसंद किया। इस बात पर जोर देते हुए कि भारत की खरीद नीतियों ने वैश्विक तेल और गैस बाजारों को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारत की "अंतर्राष्ट्रीय शक्ति" की छवि को आकार दिया।
6. इस लिस्ट में छटवें रैंक पर योगी आदित्यनाथ
सबसे अधिक लोकसभा क्षेत्रों वाले राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे हॉट चुनावी सीटों वाले व्यक्ति हैं। गोरखनाथ मठ के महंत के रूप में वह अपने आध्यात्मिक अधिकार को अपनी राजनीतिक शक्ति के साथ जोड़ते हैं। विपक्षी राज्यों सहित कई मुख्यमंत्रियों ने उनके विवादास्पद 'बुलडोजर न्याय' टेम्पलेट को अपनाया है। उन्हें बुलडोजर बाबा के नाम से भी जाना जाता है।
7. इस लिस्ट में सातवें रैंक पर राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह कैबिनेट में पीएम के सबसे वरिष्ठ सहयोगी रहे हैं। रक्षा और गृह मंत्री दोनों के रूप में कार्य करने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा पर उनका व्यापक दृष्टिकोण है। अच्छे समय और संकट दोनों में भरोसेमंद और आत्म-प्रभावी होने के लिए जाने जाने वाले सिंह को पार्टी लाइनों से परे राजनेताओं के बीच सद्भावना प्राप्त है।
8. इस लिस्ट में आठवें रैंक पर निर्मला सीतारमण
भारत की पहली पूर्णकालिक और सबसे लंबे समय तक रहने वाली महिला वित्त मंत्री सीतारमण को चुनाव से ठीक पहले राजकोषीय रूप से विवेकपूर्ण बजट पेश करने का श्रेय दिया जाता है। उनके नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगातार 3 वर्षों तक 7 प्रतिशत से अधिक की विकास दर दर्ज की है।
9. इस लिस्ट में नौवें रैंक पर जेपी नड्डा
लोकसभा चुनाव में BJP का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति के रूप में जे.पी.नड्डा ने अपना कार्यभार संभाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ पार्टी में नड्डा ने खुद को बनाए रखा है और नेतृत्व और कार्यकर्ताओं का विश्वास हासिल किया है। उन्होंने समय की जरूरत के आधार पर गियर भी बदल लिया है। वह BJP के अहम पिलर हैं।
10. इस लिस्ट में दसवें रैंक पर गौतम अडानी
101 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ गौतम अडानी भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। अडानी के तहत समूह ने अधिग्रहण और ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के माध्यम से सीमेंट, बिजली, हवाई अड्डे, हरित ऊर्जा, बंदरगाह, बिजली और गैस वितरण जैसे विभिन्न बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की है। विपक्षी दलों ने उन पर केंद्र में सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान के करीबी होने का आरोप लगाया था।
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