नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में संसद की एथिक्स कमिटी ने उनकी संसद सदस्यता को रद्द कर दिया है। संसद की सदस्यता गवांने के बाद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया से कहा कि लोकसभा की एथिक्स कमिटी को सदस्यता रद्द करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने बीजपी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आपके (भाजपा) अंत की शुरुआत है।
महुआ ने सदन की तुलना कंगारू कोर्ट से की
लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद महुआ मोइत्रा मोदी सरकार के खिलाफ खूब गरजी और कहा कि अगर मोदी सरकार मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे से ध्यान भटका देंगे, तो मै ऐसा होने नहीं दूंगी। महुआ मोइत्रा ने सदन की तुलना कंगारू कोर्ट से करते हुए कहा कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुप्रयोग करके, यह दिखाया है कि अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है और महिला सांसद को समर्पण करने से रोकने के लिए उसे किस हद तक परेशान करेंगे।
अगले तीस साल तक बीजेपी के खिलाफ लड़ती रहूंगी
महुआ मोइत्रा ने संसद सदस्यता गवांने के बाद संसद के बाहर कहा कि मेरी उम्र सिर्फ 49 साल है, अगले 30 साल तक में बीजेपी के खिलाफ संसद और इसके बाहर लड़ती रहूंगी। आचार समिति के पास मुझे निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने बीजेपी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यह फैसला आपके अंत की शुरुआत है।
किस तरह रद्द हुई संसद सदस्यता
लोकसभा की एथिक्स कमिटी ने रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की थी। लोकसभा सचिवालय द्वारा प्रसारित कार्य सूची के अनुसार ही, एथिक्स कमेटी के चैयरमैन विनोद कुमार सोनकर ने समिति की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी। समिति ने गत 9 नवंबर को की गई एक बैठक में सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट स्वीकारी थी। आज(शुक्रवार) को सदन ने एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट में मुहर लगा दी है और महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया है।
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