रामचरितमानस के विवाद को मायावती ने सपा-भाजपा की मिलीभगत बताया

रामचरितमानस का मुद्दा इन दिनों बिहार से लेकर यूपी तक की राजनीति में गरमाया हुआ है। सपा और भाजपा के बाद अब बसपा भी इसमें कूद पड़ी है।
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नई दिल्ली,एजेंसी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने श्रीरामचरितमानस पर चले आ रहे विवादित टिप्पणी और जुबानी जंग को लेकर सोमवार को चुप्पी तोड़ी। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि श्रीरामचरितमानस पर बने विवाद में सपा-भाजपा की मिलीभगत होने का आरोप लगाया है।

ट्वीट कर मायावती ने उठाए सवाल

बसपा अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ के लिए नए-नए विवाद खड़ा करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मान्तरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है लेकिन रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण है।

सपा की चुप्पी पर सवाल

मायावती ने कहा कि रामचरितमानस के विरुद्ध सपा नेता की टिप्पणी पर उठे विवाद व फिर उसे लेकर भाजपा की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है, ताकि आगामी चुनावों को जनता के ज्वलन्त मुद्दों के बजाए हिन्दू-मुस्लिम उन्माद पर ध्रुवीकरण किया जा सके।

एक दूसरे की मदद कर रहे

बसपा प्रमुख ने कहा कि उप्र में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने षड़यंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया। इससे ही भाजपा दोबारा से यहां सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी है।

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