रायपुर : एक मई से 18 वर्ष से 44 आयु वर्ग के नागरिकों के कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य होगा शुरू
- वैक्सीनेशन के लिए रायपुर जिले में 13 केंद्र बनाए गए रायपुर, 30 अप्रैल (हि. स.)। रायपुर जिले में एक मई से 18 वर्ष के 44 आयु वर्ग के नागरिकों के कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य शुरू किया जा रहा है । वर्तमान में एक मई से 18 से 44 आयु वर्ग के ऐसे सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाया जाएगा जो अंत्योदय राशन कार्डधारी है। इसके लिए रायपुर जिले में 13 केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन इन केंद्रों में टीकाकरण का कार्य दोपहर 2:00 बजे से शुरू होगा। इसके बाद अन्य दिनों में टीकाकरण का कार्य सुबह 11:00 बजे से प्रारंभ होगा। कलेक्टर डाॅ. एस भारतीदासन ने बताया कि एक मई से प्रारंभ होने वाले इस वैक्सीनेशन के लिए जिले की सभी विकासखंडों के लिए आठ-आठ सौ और नगर निगमों के लिए 23- 23 सौ वैक्सीन प्रदाय किए गए हैं। टीकाकरण के लिए रायपुर नगर निगम में चार केंद्र, बिरगांव नगर निगम में एक केंद्र तथा हर एक विकासखंड में दो-दो केंद्र बनाए गए हैं। जिले के 18 से 44 आयु वर्ग के अंत्योदय राशन कार्डधारी नागरिक इनमें से निकटतम केंद्र में जाकर अपना राशनकार्ड तथा आधार या वोटर कार्ड जैसे कोई एक पहचान पत्र दिखाकर वैक्सीन लगवा सकते हैं। इसके लिए किसी पूर्व पंजीयन की जरूरत नहीं है। कलेक्टर ने नागरिकों से अपील की है कि वे टीकाकरण के समय सामाजिक दूरी और कोरोना प्रोटोकाल कॉल का पालन करें। पहले दिन नगर निगम के टीकाकरण केंद्रों में अधिकतम 50 और शेष अन्य केंद्रों में 30 नागरिकों को टीका लगाया जाएगा। बनाएं गए इन टीकाकरण केंद्रों में रायपुर नगर निगम के अंतर्गत जिला अस्पताल पंडरी,शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भाटागांव, गुढ़ियारी और गोगांव शामिल है। बीरगांव नगर निगम के अंतर्गत रावांभाठा में टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। इसी तरह तिल्दा विकासखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खैरखूट और बंगोली में, अभनपुर विकासखंड के तोरला और परसदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में, आरंग विकासखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राखी और रीवा में तथा धरसीवां विकासखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मांढर और कुरूद- सिलीयारी में बनाए गए है। जिले में टीकाकरण केंद्रों को बढ़ाने या संशोधन करने की कार्रवाई की जा सकती है। इन टीकाकरण केंद्रों में खाद्य विभाग और स्थानीय अधिकारियों - कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। हिन्दुस्थान समाचार/ गायत्री प्रसाद