Uttarkashi Tunnel: रेस्क्यू अभियान को वैश्विक मीडिया ने जमकर सराहा, दुनियाभर में भारतीय रैट माइनर्स की चर्चा !

London: उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन तक फंसे 41 श्रमिकों का सकुशल निकालने के अभियान की वैश्विक मीडिया ने जमकर सराहना की और इस बचाव अभियान का सीधा प्रसारण भी अपने देशों में किया।
Uttarkashi Tunnel
Uttarkashi Tunnel Raftaar.in

लंदन, हि.स.। उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन तक फंसे 41 श्रमिकों का सकुशल निकालने के अभियान की वैश्विक मीडिया ने जमकर सराहना की और इस बचाव अभियान का सीधा प्रसारण भी अपने देशों में किया। बीबीसी ने बचाव अभियान पर नियमित रूप से अपडेट उपलब्ध कराते हुए खबर दी, “सुरंग के बाहर, पहले व्यक्ति को सुरंग से निकालने की खबर मिलते ही जश्न मनाया जाने लगा।” बीबीसी की वेबसाइट पर एक फोटो अपलोड की गई जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह सुरंग से निकाले गए पहले श्रमिक से मिलते हुए दिखाई दे रहे हैं।

वैश्विक मीडिया ने घटनास्थल की वीडियो फुटेज दिखाई

सीएनएन ने खबर दी है, जिसमें घटनास्थल के वीडियो फुटेज में उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उन श्रमिकों से मिलते हुए दिखाया गया है जिन्हें खुशी के माहौल के बीच सुरंग से निकाला गया था।

सीएनएन ने कहा कि श्रमिकों को बचाने के अभियान में कई रुकावटें भी आई जब मलबे में खुदाई के लिए इस्तेमाल की जा रही भारी मशीनें खराब हो गईं और उसके बाद मलबे में आंशिक रूप से हाथों से खुदाई करनी पड़ी और अन्य जोखिमपूर्ण तरीकों का इस्तेमाल करना पड़ा।

वैश्विक मीडिया ने तैनात एम्बुलेंस का किया जिक्र

कतर स्थित समाचार चैनल अल-जज़ीरा ने खबर दी है कि करीब 30 किमी दूर स्थित अस्पताल में श्रमिकों को ले जाने के लिए सुरंग के पास एम्बुलेंस को तैनात रखा गया था। उसने कहा कि मजदूरों को पाइपों से बने मार्ग से बाहर निकाला जा रहा है, जिन्हें बचाव दल ने मलबे में डाला था। ब्रिटिश दैनिक ‘द गार्जियन’ ने खबर दी कि सिल्कयारा-बारकोट सुरंग के प्रवेश द्वार से स्ट्रेचर से निकाले गए श्रमिकों का नाटकीय दृश्य 400 घंटे से अधिक समय के बाद आया और इस दौरान बचाव अभियान में कई अड़चनें आईं जिससे विलंब हुआ।

रैट माइनिंग, मैन्युअल खुदाई

अखबार ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में कहा, “ मानव श्रम ने मशीनरी पर विजय प्राप्त की क्योंकि विशेषज्ञ लोगों तक पहुंचने के लिए मलबे के अंतिम 12 मीटर की खुदाई हाथ से (मैन्युअल) करने में कामयाब रहे।” लंदन के ‘द टेलीग्राफ ने’ ने अपनी प्रमुख खबर में कहा कि सैन्य इंजीनियर और खनिकों ने एक श्रमसाध्य निकास मिशन को पूरा करने के लिए मलबे में ‘रेट होल’ ड्रिलिंग की । ज्ञात रहे कि उत्तराखंड में 12 नवंबर की सुबह सुरंग का एक हिस्सा ढह गया, जिससे 41 श्रमिक उसके अंदर फंस गए थे।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

रफ़्तार के WhatsApp Channel को सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें Raftaar WhatsApp

Telegram Channel को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें Raftaar Telegram

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in