Uttarkashi Tunnel: 'इंतज़ार खत्म' सिलक्यारा सुरंग से बाहार निकले सभी 41 मजदूर, परिजनों में खुशी की लहर

Uttarkashi Tunnel Rescue: सीएम धामी ने सभी 41 मजदूरों का फूलों की माला पहनाकर किया स्वागत। केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह भी रहे सीएम धामी के साथ मौजूद, बढ़ाया मजदूरों का हौसला
Uttarkashi Tunnel: 'इंतज़ार खत्म' सिलक्यारा सुरंग से बाहार निकले सभी 41 मजदूर, परिजनों में खुशी की लहर

उत्तरकाशी, रफ्तार डेस्क। सिलक्यारा टनल में खुदाई का कार्य पूरा होने के बाद, NDRF-SDRF की टीम सुरंग के अंदर गयी और रेस्क्यू ऑपरेशन दलों के साथ इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। 17 दिनों से सुरंग से बाहर निकले मजदूरों और उनकी प्रतीक्षा कर रहे परिजनों के चेहरे में खुशी साफ साफ झलक रही थी। परिजनों के साथ साथ पूरे देश की जनता ने भी राहत की सांस ली। क्या मंत्री, क्या अधिकारी और क्या जनता सभी की नजर इस खबर में बनी हुई थी और उनकी कुशलता जान्ने के लिए चिंतित थे। अब सब ठीक हो गया है, मजदूरों के परिजनों के साथ साथ पूरे देश की जनता खुश है।

सीएम धामी ने फूलो की माला से किया मजदूरों का स्वागत

सीएम धामी ने सभी 41 मजदूरों का फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया। जैसे जैसे मजदूरों को निकाला जा रहा था। सीएम पुष्कर धामी और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) उनका स्वागत कर रहे थे और उनका मनोबल बढ़ा रहे थे। धामी ने बताया सारे मजदूर स्वस्थ हैं। उन्हें जांच के लिए चिन्यालीसौड़ अस्पताल में भेजा गया है। डॉक्टरों की टीम को देहरादून, ऋषिकेश और दिल्ली से पहले ही इस अस्तपताल में बुला लिया गया था। अगर जांच में सब कुछ सही निकलता है तो उन्हें डिस्चार्ज करके उनके घरो के लिए रवाना कर दिया जायेगा। अगर जांच के दौरान मजदूरों में कोई परेशानी सामने आती है तो उन्हें तुरंत एयरलिफ्ट करके दिल्ली ईलाज के लिए लाया जायेगा।

पहले सबसे छोटे मजदूरो निकाला को बाहर

सीएम धामी ने बताया कि योजना के अनुसार पहले सबसे छोटे मजदूर को बाहर निकाला गया। ऐसे ही करके सबको बारी बारी से बाहर निकाला गया। सबसे आखिरी में टीम को लीड करने वाले 5 मजदूरों को बाहर निकाला गया। सीएम धामी ने सारी एजेंसियों और उन लोगो का शुक्रिया किया, जिन्होंने इस ऑपरेशन को सफल बनाने में मदद की।

पीएम मोदी ने किया भावुक ट्वीट

पीएम मोदी ने भावुक ट्वीट में लिखा "उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है। मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं। उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।"

मेडिकल टीम ने भी बढ़ाया मनोबल

सरकार और प्रशासन ने मजदूरों को सुरंग के अंदर तनावमुक्त रखने के सारे प्रयास किये थे। जो कि मजदूरों के सही सलामत निकल जाने के बाद, सही प्रयास साबित हुआ है। मजदूरों को व्यस्त रखने के लिए लूडो, ताश और शतरंज सुरंग के अंदर भेजे गए थे। मेडिकल टीम ने भी उनके मनोबल को टूटने से बचाने का पूरा कार्य किया। मजदूरों की तबियत खराब होने पर उन्हें समय से दवा भेजना और जरुरत पढ़ने पर मनोचिकत्सक की सलाह देना शामिल है।

मजदूरों के गृह राज्य

सभी मजदूर अब सही सलामत बाहर आ चुके हैं। पूरा देश मजदूरों के बारे में जानना चाहते हैं। जब ये मजदूर सिलक्यारा सुरंग में फंसे हुए थे, तो उनके परिजनों के साथ पूरा देश उनके लिए चिंतित था और उनके सकुशल बाहर निकलने के लिए प्रार्थना कर रहे थे। अब सब मजदूरों के गृह राज्य के नाम भी जानना चाहते है। उत्तराखंड राज्य से 2 मजदूर, हिमाचल प्रदेश से 1 मजदूर, उत्तर प्रदेश से 8 मजदूर, बिहार से 5 मजदूर, पश्चिम बंगाल से 3 मजदूर, असम से 2 मजदूर, झारखंड से 15 मजदूर और ओडिशा से 5 मजदूर हैं।

मजदूरों के नाम और राज्य

गब्बर सिह नेगी, उत्तराखंड से, सबाह अहमद, बिहार से, सोनु शाह, बिहार से, मनिर तालुकदार, पश्चिम बंगाल से, सेविक पखेरा, पश्चिम बंगाल से, अखिलेष कुमार, यूपी से, जयदेव परमानिक, पश्चिम बंगाल से, वीरेन्द्र किसकू, बिहार से, सपन मंडल, ओडिशा से, सुशील कुमार, बिहार से, विश्वजीत कुमार, झारखंड से, सुबोध कुमार, झारखंड से, भगवान बत्रा, ओडिशा से, अंकित, यूपी से, राम मिलन, यूपी से, सत्यदेव, यूपी से, सन्तोष, यूपी से, जय प्रकाश, यूपी से, राम सुन्दर, उत्तराखंड से, मंजीत, यूपी से, अनिल बेदिया, झारखंड से, श्राजेद्र बेदिया, झारखंड से, सुकराम, झारखंड से, टिकू सरदार, झारखंड से, गुनोधर, झारखंड से, रनजीत, झारखंड से, रविन्द्र, झारखंड से, समीर, झारखंड से, विशेषर नायक, ओडिशा से, राजू नायक, ओडिशा से, महादेव, झारखंड से, मुदतू मुर्म, झारखडं से, धीरेन, ओडिशा से, चमरा उरॉव, झारखंड से, विजय होरो, झारखंड से, गणपति, झारखंड से, संजय, असम से, राम प्रसाद, असम से, विशाल, हिमाचल प्रदेश से, पु्ष्कर, उत्तराखंड से और दीपक कुमार, बिहार से हैं।

मजदूरों और उनके परिजनों के लिए आज दिवाली का त्यौहार

सिलक्यारा टनल रेस्क्यू के अंतिम चरण में मजदूरों के परिजनों को मिठाई खिलाई गई थी, अब जब वे सकुशल बाहर आ गए है तो असल में उनके और उनके परिवार के लिए दिवाली होगी। दरअसल, 12 नवंबर को सुबह 05:30 बजे उत्तरकाशी में सिलक्यारा से बड़कोट के बीच बन रही निर्माणाधीन सुरंग में धंसाव होने के कारण सिलक्यारा वाले हिस्से में 60 मीटर की दूरी में मलबा गिरने के कारण ये 41 मजदूर फंस गए थे। जिसके बाद मजदूरों को बचाने के लिए पाइपों के जरिए ऑक्सीजन, पानी, बिजली, पैक भोजन की आपूर्ति के साथ बचाव कार्य शुरू किया गया था। जहां पूरा देश दिवाली की तैयारी कर रहा था, वहीं मजदूरों और उनके परिजनों पर दुःखो का पहाड़ टूट पड़ा था। आज मजदूरों और उनके परिजनों के लिए बहुत ही बड़ी खुशी का दिन है।

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