नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान अत्याधुनिक प्रीडेटर ड्रोन की खरीद के समझौते को मंजूरी दे दी गई थी। जिसमें भारत और अमेरिका ने 31 प्रीडेटर ड्रोन के लिए समझौता किया था। अब इस डील पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सरकार पर ड्रोन खरीद हो रहे व्यय को लेकर गड़बड़ी का आरोप लगाया है।
प्रीडेटर ड्रोन सौदे पर पवन खेड़ा का आरोप
अमेरिका और भारत के बीच हुई प्रीडेटर ड्रोन सौदे कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा राफेल सौदे में जो हुआ, वही अमेरिका के साथ प्रीडेटर ड्रोन सौदे में दोहराया जा रहा है। दूसरे देश उन्हीं ड्रोनों को चार गुना से भी कम कीमत पर खरीद रहे हैं। भारत 31 प्रीडेटर ड्रोन 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 25,000 करोड़ रुपये में खरीद रहा है। हम 880 करोड़ रुपये में ड्रोन खरीद रहे हैं। इसका मतलब सरकार ड्रोन खरीद पर ज्यादा रुपये व्यय कर रही है।
सरकार ने ऐसी खबरों को बताया था गलत
हालांकि इस डील पर कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया में भी कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि सरकार ने महंगे दाम पर यह ड्रोन्स डील की है। सरकार ने ऐसी खबरों को गलत बताकर खारिज कर दिया था। और बताया है कि अभी ड्रोन्स की कीमतें तय होनी बाकी हैं। सरकार ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट्स फैलाकर ड्रोन्स अधिग्रहण के सौदे को ना होने देने की कोशिश की जा रही है।
इस डील पर रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा था?
इस पर रक्षा मंत्रालय ने 25 जून को बयान जारी कर कहा कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 31 एमक्यू-9बी ड्रोन्स खरीदने के सौदे को मंजूरी दी थी। इस सौदे के तहत 16 हवा में नजर रखने वाले ड्रोन्स और 15 समुद्र में नजर रखने वाले ड्रोन्स खरीदे जाने हैं। तीनों सेनाओं के लिए इन ड्रोन्स की खरीददारी की जाएगी। इस सौदे की अमेरिकी सरकार ने अनुमानित कीमत 3,072 मिलियन यूएस डॉलर बताई है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अमेरिकी सरकार से पॉलिसी को मंजूरी के बाद ड्रोन्स की कीमतों में मोलभाव किया जाएगा।