आतंकी हाफीज सईद ने बनाई पार्टी, बेटे-दामाद को उतारा पाकिस्तान चुनाव में, जेल में बैठकर देख रहा सत्ता का सपना

Islamabad: पाकिस्तान में आम चुनावों में हाफीज सईद के रिश्तेदार अपनी पार्टी मरकजी मुस्लिम लीग" से चुनाव में उतरेंगे। मरकजी मुस्लिम लीग ने किसी तरह से भी हाफीज सईद से जुड़े रहने की बात को खारित किया है।
Pakistan Election
Pakistan Election Raftaar.in

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने वाले हैं, एक तरफ जहां प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ आर्थिक संकटों से देश को बाहर निकालने में फंसे हैं। तो वहीं दूसरी ओर इमरान खान को तोशाखाना मामला में 14 साल की जेल हो गई है। बीबीसी उर्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में राजनीतिक उठा पटक के चलते अब आतंकवादी भी आगामी चुनावों में चुनाव लड़ेंगे। 26/11 हमले का मास्टरमाइंड हाफीज सईद के रिश्तेदार अपनी नई पार्टी "मरकजी मुस्लिम लीग" से चुनाव में उतरे हैं।

कौन हैं हाफीज सईद के रिश्तेदार?

इस बार आम चुनावों में कोई ईमानदार उम्मीदवार नहीं, बल्कि मरकजी मुस्लिम लीग पार्टी से लश्कर-ऐ-तैयबा, जमात-उद-दावा के आतंकी चुनाव लड़ेंगे। इससे जुड़े 7 लोग अमेरिका द्वारी मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल हैं। साथ ही हफीज सईद का बेटा तल्हा सईद भी लाहौर में नेशनल असेंबली निर्वाचन क्षेत्र एनए-122 से चुनाव लड़ रहा है। इसी के साथ हफीज सईद का दामाद नेक गुज्जर भी इसी पार्टी से विधानसभा क्षेत्र पीपी-162 से चुनाव लड़ रहा है।

पाकिस्तान अफगानिस्तान की राह पर?

पाकिस्तान में अगर अफगानिस्तान की तरह तालिबानियों के जैसे आतंकियों की सरकार बन गई तो वहां भी शरीया कानून लागू होना तय है। भारत के लिए हमेशा एक समस्या ये रही कि पाकिस्तान में किस से बात की जाए, सरकार या आतंकी? अब जनता ही चुनेगी किसको कना है इन और किसको आउट।

हाफीज सईद पर $10 मिलियन का ईनाम

मरकजी मुस्लिम लीग जमात-उद-दावा का ही राजनीतिक संस्थान है। इन चर्चाओं को लेकर मरकजी मुस्लिम लीग के प्रवक्ता ने कहा कि ''हमारा न तो जमात-उद-दावा से कोई संबंध है और न ही हाफीस सईद से कोई संबंध है।" हाफीज सईद को टेरर फंडिंग के कई मामलो में दोषी पाया गया है। कोर्ट ने इस मामले में सईद को 31 साल की सजा सुनवाई है। हाफीज सईद इस समय लाहौर की जेल में बंद है। अमेरिका ने हाफीज सईद पर $10 मिलियन का ईनाम रखा है।

खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in