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भाजपा के दो और नेताओं ने राजकोट सीपी पर उंगली उठाई

गांधीनगर, 7 फरवरी (आईएएनएस)। राजकोट के भाजपा विधायक गोविंद पटेल ने गुजरात के गृह राज्य मंत्री (एमओएस) हर्ष संघवी को एक पत्र लिखा, जिसमें आरोप लगाया गया कि राजकोट के पुलिस आयुक्त (सीपी), मनोज अग्रवाल प्रबंधन के लिए 15 प्रतिशत कमीशन लेते हैं। शिकायतकर्ताओं के डूबे हुए धन को वापस करने के लिए भाजपा के दो अन्य नेता भी पटेल के साथ शामिल हो गए हैं, उन्होंने उक्त अधिकारी पर उंगली उठाई है। भाजपा के राज्यसभा सांसद रामभाई मोकारिया ने रविवार को कहा कि राजकोट के पुलिस आयुक्त (सीपी) मनोज अग्रवाल के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं। जब गोविंदभाई के घर मिलने गए, तो मैं भी उनके साथ गया। दरअसल, उन्होंने आरोप लगाया कि, मनोज अग्रवाल एक भ्रष्ट अधिकारी हैं। वह तभी काम करते हैं जब उन्हें पैसा दिया जाता है। वह भ्रष्टाचार, रिश्वत, भूमि बंदोबस्त आदि में शामिल हैं। पहले शिकायत की गई थी कि वह शिकायतकर्ताओं की नहीं सुन रहे हैं। गोविंद पटेल के अलावा, राजकोट पूर्व के एक अन्य विधायक और राज्य मंत्री परिवहन, नागरिक उड्डयन, पर्यटन और तीर्थ विकास, अरविंद रैयानी ने भी राजकोट सीपी पर हमला किया। उन्होंने भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। राजकोट दक्षिण के भाजपा विधायक गोविंद पटेल ने आरोप लगाया था कि मनोज अग्रवाल शिकायतकर्ताओं के डूबे हुए धन को वापस करने के लिए 15 प्रतिशत कमीशन लेते हैं। ऐसे में शिकायत भी नहीं की जाती है। पटेल ने बुधवार को गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी को निजी तौर पर पत्र लिखा था, लेकिन इस पत्र की कॉपी सोशल मीडिया में वायरल हो गई। सांघवी को लिखे अपने पत्र में, भाजपा विधायक ने दावा किया कि राजकोट के पुलिस आयुक्त ने 15 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में एक शिकायतकर्ता की प्राथमिकी दर्ज नहीं की और डूबे हुए धन के संग्रह पर 15 प्रतिशत कमीशन मांगा है। पटेल ने आगे कहा कि अग्रवाल ने कुल 15 करोड़ रुपए में से सात करोड़ रुपए की वसूली के बाद पुलिस निरीक्षक के माध्यम से 75 लाख रुपए एकत्र किए। पटेल ने कहा कि एक शिकायतकर्ता को शेष राशि के भुगतान के लिए पुलिस निरीक्षक से फोन कॉल आते रहते हैं। राजकोट शहर की अपराध शाखा ने भाजपा विधायक के आरोपों के बाद अपने कम से कम दो अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू की। शनिवार को लेटर के मामले के बाद से राजकोट के सीपी मनोज अग्रवाल कार्यालय नहीं पहुंचे हैं। --आईएएनएस एचएमए/एएनएम

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