आत्मनिर्भर भारत: IANS विक्रांत जून में भरेगा उड़ान, 4 महीने में पूरे होगी फ्लाइंग ट्रेनिंग

भारतीय नौसेना के पायलटों ने भारत में निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर IANS विक्रांत पर 'एलसीए नेवी' को सफलतापूर्वक लैंड और टेक ऑफ करके 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया।
आत्मनिर्भर भारत: IANS विक्रांत जून में भरेगा उड़ान, 4 महीने में पूरे होगी फ्लाइंग ट्रेनिंग

नई दिल्ली, एजेंसी। आईएनएस विक्रांत के डेक पर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) नेवी और मिग-29 के लड़ाकू विमानों की सफल लैंडिंग के बाद विमानवाहक पोत इस साल के मध्य तक पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएगा। पिछले साल सितंबर में नौसेना में शामिल किये जाने के बावजूद यह पूरी तरह से चालू नहीं था, क्योंकि इसकी प्राथमिक हथियार प्रणाली, लड़ाकू जेट विमानों ने विमान वाहक पोत के डेक से अपने विमानन परीक्षणों को पूरा नहीं किया था।

'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया

भारतीय नौसेना के पायलटों ने 06 फरवरी को भारत में निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान 'एलसीए नेवी' को सफलतापूर्वक लैंड और टेक ऑफ करके 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया।

भारत ने अपनी क्षमता का एक साथ अनूठा प्रदर्शन किया

स्वदेश में ही निर्मित लड़ाकू विमान और विमान वाहक जहाज को डिजाइन, विकसित और संचालित करके भारत ने अपनी क्षमता का एक साथ अनूठा प्रदर्शन किया। एलसीए (नौसेना) ने आईएनएस विक्रांत डेक से ऐसे समय में संचालन किया, जब विमानवाहक पोत इस साल पूरी तरह से चालू होने के लिए महत्वपूर्ण उड़ान परीक्षणों के बीच में है।

फाइटर जेट लैंड और टेक ऑफ करने के परीक्षण शुरू

आईएनएस विक्रांत को पिछले साल सितंबर में नौसेना में शामिल किया गया था लेकिन अभी तक यह स्वदेशी पोत पूरी तरह चालू नहीं हुआ है। इसलिए अब पोत पर फाइटर जेट लैंड और टेक ऑफ करने के परीक्षण शुरू किये गए हैं, जो 4 माह तक चलेंगे। आईएनएस विक्रांत पर उड़ान परीक्षणों में रूसी मूल के मिग-29के फाइटर जेट शामिल हैं, जो विमान वाहक पोत से उड़ान भरने के लिए स्की-जंप का उपयोग करते हैं।

आईएनएस विक्रांत पर फिलहाल 12 मिग-29 के तैनात किए जाने की संभावना है लेकिन इस पोत के लिए भारत खुद स्वदेशी जुड़वां इंजन वाले डेक-आधारित लड़ाकू (टीईडीबीएफ) विकसित करेगा।

टीईडीबीएफ का पहला प्रोटोटाइप 2026 के आसपास तैयार होने की संभावना

नौसेना ने टीईडीबीएफ विमानों के डिजाइन और विकास के लिए एक मसौदा नोट तैयार किया है। नौसेना इस परियोजना पर रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) और वैमानिकी विकास एजेंसी के साथ काम कर रही है। टीईडीबीएफ का पहला प्रोटोटाइप 2026 के आसपास तैयार होने की संभावना है और इसका उत्पादन 2032 तक शुरू हो सकता है।

स्वदेशी विमान वाहक 'विक्रांत' से संचालित करने के लिए नौसेना ने राफेल एम का चयन

टीईडीबीएफ अभी भी एक दशक दूर है, इसलिए नौसेना विकल्प के तौर पर 26 लड़ाकू विमानों को खरीदने पर विचार कर रही है। देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक 'विक्रांत' से संचालित करने के लिए नौसेना ने राफेल एम का चयन किया है। मार्च में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भारत यात्रा के दौरान इस डील पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।

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