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सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को पकड़ने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर लगी रोक हटाई

नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर लगी रोक को हटा दिया, जिसमें गली के कुत्तों को खाना खिलाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे और कहा गया था कि नागरिकों को जानवरों को खिलाने का अधिकार है। पीठ में शामिल न्यायमूर्ति यू.यू. ललित, एस. रवींद्र भट, और सुधांशु धूलिया के फैसले ने पशु कल्याण संगठनों और आवारा कुत्तों को खिलाने में शामिल स्वयंसेवकों को बड़ी राहत दी। पीठ ने पिछले साल पारित हाईकोर्ट के आदेश के संचालन पर न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की शीर्ष अदालत की पीठ द्वारा 4 मार्च को लगाई गई अंतरिम रोक हटा दी। सुनवाई के दौरान कई पक्षकारों ने बताया कि स्थगन आदेश ने कैसे कुत्तों के लिए शत्रुतापूर्ण वातावरण बनाया और पशु कल्याण संगठन और फीडरों के स्वयंसेवकों के उत्पीड़न के कई उदाहरण सामने आए। वरिष्ठ अधिवक्ता अमन लेखी और आनंद ग्रोवर हस्तक्षेप के रूप में पेश हुए। फ्रेंडिकोज एसईसीए ने भी पक्षकार के लिए एक आवेदन दिया था और करंजावाला एंड कंपनी द्वारा निर्देशित वरिष्ठ अधिवक्ता रितिन राय ने प्रतिनिधित्व किया था। संबंधित मामलों में एक याचिकाकर्ता ने अदालत से कुत्ते के काटने के मामलों और शहर में आवारा कुत्तों की समस्या पर गौर करने का आग्रह किया। न्यायमूर्ति ललित ने अदालत में मौजूद वकीलों को अदालत के समक्ष महत्वपूर्ण मामलों की विशाल पेंडेंसी के मुद्दे पर संबोधित किया और कहा कि अदालत को किस तरह के मामलों को प्राथमिकता देनी है। विशेष रूप से ऐसे मामलों में उन्होंने देखा कि याचिकाकर्ताओं के पास हाईकोर्टों के समक्ष एक प्रभावी उपाय है और उन्हें पहले उनसे संपर्क करना चाहिए। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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