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काव्य रूप में पढ़ें श्रीरामचरितमानस: भाग-46
पर्वत उधर सुबेल था, बैठे लक्ष्मण-राम बना रहे थे योजना, लड़ने की अविराम। लड़ने की अविराम, विभीषण ने बतलाया एक बाण रघुनंदन ने इस तरह चलाया। कह ‘प्रशांत’ रावण का मुकुट गिरा धरती पर कर्णफूल मंदा रानी के कटे सरासर।।11।। - चमत्कार यह देखकर, हुए सभी हैरान पर रावण के क्लिक »-www.prabhasakshi.com