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Matrubhoomi: कहानी आदि शंकराचार्य की जिनकी मातृ भक्ति को देखकर नदी ने मोड़ लिया था अपना रुख
जब-जब हिंदुत्व की बात होगी तब तब महा ज्ञानी, परम पितामह जगतगुरू आदि शंकराचार्य की बात होगी। कहते है कि भगवान को अगर समझना है तो आदि गुरु शंकराचार्य को पढ़ना होगा। माना जाता है कि आदि गुरु शंकराचार्य ने वेदों को, उपनिषदों को, ब्रह्म सूत्रों को एक नया रुप क्लिक »-www.prabhasakshi.com