instructions-given-to-dpcc-mcd-to-adopt-gas-sucking-system-installed-in-dumping-site-of-mumbai--gopal-rai
instructions-given-to-dpcc-mcd-to-adopt-gas-sucking-system-installed-in-dumping-site-of-mumbai--gopal-rai

मुंबई के डंपिंग स्थल में लगे गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने के लिए डीपीसीसी, एमसीडी को दिए निर्देश- गोपाल राय

नई दिल्ली, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली सचिवालय में लैंडफिल साइट्स को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में गुरुवार को डीपीसीसी, एमसीडी, आईआईटी दिल्ली, पर्यावरण विभाग, टेरी, सीएसई, आईजीएल, गेल और अन्य सभी सम्बंधित विभागों के एक्सपर्ट के साथ उच्चस्तरीय बैठक की गई। इस बैठक में लैंडफिल साइट्स में बढ़ रही आग लगने की घटनाओं को लेकर सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि, इस बैठक में आईसीएआर- आईएआरआई के भूपिंदर सिंह और शिव प्रसाद, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर मनोज दत्ता, सीएसई से अतिन बिस्वास और डॉ. ऋचा सिंह, आईजीएल से नरेंद्र पांडेय, गौरव शर्मा और सुशांत चौधरी, टेरी से सुनील पांडेय, गेल से आशु सिंघल और संजीव कुमार जैसे कई विशेषज्ञ शामिल हुए। बैठक में सभी विभागों के विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद मुंबई के डंपिंग स्थल पर लगे गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने का फैसला लिया गया है। इसी के साथ डीपीसीसी और एमसीडी की संयुक्त टीमों को भी मुंबई जाने के निर्देश जारी किए गए हैं और साथ ही लैंडफिल साइट्स में बढ़ रही आग की घटनाओं को रोकने लिए डीपीसीसी और एमसीडी की टीमों को सतत निरीक्षण के आदेश भी दे दिए गए हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने लैंडफिल साइट्स पर लगने वाली आग की घटनाओं पर अपनी गंभीरता जताते हुए बताया कि, दिल्ली में इस समस्या से स्थाई रूप से नियंत्रण पाने के लिए मुंबई के डंपिंग स्थल पर लगे हुए गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने के लिए डीपीसीसी और एमसीडी को निर्देश दिए गए हैं। इस गैस सकिंग सिस्टम से कूड़े से लगातार निकलने वाली मीथेन गैस पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। लैंडफिल साइट्स में आग लगने का सबसे बड़ा कारण उसमे से लगातार निकलने वाली मीथेन गैस है, जो ना केवल आग कि घटनाओं को बढ़ावा देती है बल्कि वायुमंडल के लिए भी हानिकारक है। सभी विभागों के विशेषज्ञों के साथ हुई बैठक में कई तत्कालीन सुझावों पर भी विचार किया गया ताकि जल्द से जल्द उनपर कार्रवाई कर आग की घटनाओं को रोका जा सके। बैठक के दौरान विशेषज्ञों के साथ हुई चर्चा में गैस के अनियंत्रित उत्सर्जन की रोकथाम के लिए गैस के कुंए लगाने, कूड़े को लगभग 10 सेंटीमीटर तक मिट्टी से ढ़कने, 6 तरीकों से कचरा पृथक्करण (सेग्रीगेशन) करना जैसे सुझावों के बारे में भी विचार किया गया। गैस सकिंग सिस्टम की जानकारी लेने के लिए डीपीसीसी और एमसीडी की संयुक्त टीमों को मुंबई जल्द से जल्द भेजने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एंटी ओपन बनिर्ंग अभियान पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि, इस अभियान के तहत पूरी दिल्ली में 10 विभागों की 500 टीमें तैनात की गई हैं, जो ओपन बनिर्ंग से सम्बंधित सभी उचित कार्रवाई के साथ-साथ चौबीसो घंटे निरीक्षण करने का काम भी कर रही है। लैंडफिल साइट्स में आग लगने कि घटनाओं कि रोकथाम के लिए एमसीडी और डीपीसीसी कि टीमों को 24 घंटे निगरानी रखने के लिए निर्देश भी जारी कर दिए गए है, यह टीमें ना केवल लैंडफिल साइट्स का सतत निरीक्षण करेंगी बल्कि आग की घटनाओं को रोकने का भी काम करेंगी। दिल्ली सरकार सभी तरह का प्रयास कर रही हैं, जिससे दिल्ली को ना केवल प्रदूषण मुक्त बल्कि स्वच्छ भी बनाया जा सके। --आईएएनएस एमएसके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in