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लंबित मांगों को लेकर केंद्रीय सचिवालय सेवा के अधिकारियों ने दी हड़ताल की चेतावनी

नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। पदोन्नति में देरी से नाराज केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि अगर पदोन्नति में देरी सहित उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया तो वे 15 मई से हड़ताल पर जाएंगे। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव को लिखे पत्र में सीएसएस अधिकारियों ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे 15 मई से हड़ताल पर जाएंगे। अधिकारी कैडर अधिकारियों की पदोन्नति पर शीघ्र निर्णय की मांग कर रहे हैं, जिसमें छह साल की देरी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बुधवार से विरोध के रूप में वे धीमी गति से काम करेंगे, शाम 6 बजे के बाद कार्यालय में नहीं बैठेंगे और सप्ताह में एक बार काले कपड़ों में कार्यालय में उपस्थित होंगे। सीएसएस अधिकारियों के अनुसार, अनुभाग अधिकारी, अवर सचिव, उप सचिव और निदेशक रैंक के 6,210 अधिकारी हैं, जबकि इन अधिकारियों के संवर्ग में कुल 1,839 पद खाली हैं। ये कर्मचारी शिकायत कर रहे हैं कि सीएसएस में लगभग 30 प्रतिशत पद केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में मध्य से वरिष्ठ प्रबंधन रैंक तक खाली हैं, क्योंकि डीओपीटी ने पिछले छह वर्षों में सीएसएस कैडर के अधिकारियों को पदोन्नत नहीं किया है। नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने कहा कि उन्होंने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को पदोन्नति आदेश जारी करने के लिए याचिका दी है, क्योंकि हाल के वर्षों में कई अधिकारी सेवानिवृत्त हुए हैं जो उन्हें बढ़े हुए वेतन और पेंशन लाभ से वंचित कर रहे हैं। केंद्र सरकार के कार्यालयों की रीढ़ माने जाने वाले अधिकांश फाइलों, दस्तावेजों और आदेशों को इन अधिकारियों द्वारा संसाधित किया जाता है, उनकी पदोन्नति लंबित अदालती मामलों के बहाने अटकी हुई है। हालांकि, संकट को कम करने के उद्देश्य से, डीओपीटी ने हाल ही में 2,770 अधिकारियों को तदर्थ आधार पर पदोन्नत किया, क्योंकि 4,400 अधिकारियों में से 60 प्रतिशत से अधिक तदर्थ पदोन्नति पर काम कर रहे हैं। --आईएएनएस एचके/

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