Mamta Banerjee: एक बार फिर सामने आया ममता बनर्जी का नया 'चंद्रज्ञान', कहा- 'जब इंदिरा गांधी गई थीं चांद पर ...

Chandrayaan 3: ममता बनर्जी ने कहा- जब इंदिरा गांधी चंद्रमा पर पहुंचीं तो उन्होंने राकेश (शर्मा) से पूछा कि वहां से हिंदुस्तान कैसा दिखता है। उन्होंने जवाब दिया 'सारे जहां से अच्छा'।
Mamta Banerjee
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नई दिल्ली, (संतोष मिश्रा)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने स्पेस ज्ञान को लेकर एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, ममता बनर्जी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस की सालगिरह पर एक रैली को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने अपने नए स्पेस ज्ञान से सबको हैरान कर दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी चंद्रमा पर गई थीं। दरअसल ममता बनर्जी ने इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान भारत की पहली अंतरिक्ष यात्रा को याद करते हुए ये बयान दिया।

क्या कहा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने?

छात्र परिषद के स्थापना दिवस की सालगिरह पर रैली संबोधित करते हुए ममता बनर्जी कांग्रेस की इंदिरा गांधी सरकार के दौरान भारत की पहली अंतरिक्ष यात्रा को याद करते हुए कहा- जब इंदिरा गांधी चंद्रमा पर पहुंचीं तो उन्होंने राकेश (शर्मा) से पूछा कि वहां से हिंदुस्तान कैसा दिखता है। उन्होंने जवाब दिया 'सारे जहां से अच्छा'। आपको बता दे इससे पहले ममता बनर्जी चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए वह राकेश शर्मा को राकेश रोशन के रूप में संदर्भित कर चुकी हैं, जिसकी खूब आलोचना की गई थी।

सर्वदलीय बैठक में भाजपा, माकपा और कांग्रेस के प्रतिनिधि शामिल नहीं

पोयला बैसाख को पश्चिम बंगाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए आम सहमति बनाने हेतु मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाजपा, माकपा और कांग्रेस के प्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे। तीनों ही पार्टियों ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया है कि सर्वदलीय बैठक का कोई औचित्य नहीं है। बनर्जी ने पिछले गुरुवार को विपक्षी दलों को बैठक के लिए आमंत्रित किया था। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की ओर से बयान जारी करके स्पष्ट कर दिया गया है कि राज्य सरकार ने एकतरफा फैसला लिया है इसलिए इस बैठक में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं है।

कांग्रेस ने कहा पश्चिम बंगाल दिवस जैसा कुछ नहीं

भाजपा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह 20 जून को पश्चिम बंगाल का स्थापना दिवस मनाती है और इससे किसी तरह से कोई समझौता नहीं होगा। पार्टी ने कहा है कि बंगाल विधान सभा की बैठक 20 जून, 1947 को हुई और प्रांत के विभाजन पर निर्णय लिया गया। कांग्रेस ने भी अपने बयान में स्पष्ट कर दिया है कि पश्चिम बंगाल दिवस जैसा कुछ नहीं है। इसे केवल राजनीतिक रूप देने की कोशिश हो रही है इसलिए इसमें शामिल नहीं होंगे।

उल्लेखनीय है कि संयोजक के रूप में विधानसभा उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी और सलाहकार के रूप में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और तृणमूल नेता सुगत बोस की एक समिति ने 15 अप्रैल (पोयला बैसाख) को पश्चिम बंगाल दिवस के रूप में मनाने की सिफारिश की है। समिति ने एक राज्य गान का भी सुझाव दिया है।

भाजपा प्रवक्ता शमीक भट्टाचार्य ने कहा कि वे सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होंगे।

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