West Bengal: शिक्षक भर्ती घोटाले पर ममता बनर्जी का बड़ा बयान, कहा- "SC में देंगी हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती"
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज दावा किया कि 2016 शिक्षक भर्ती परीक्षा को अमान्य घोषित करने वाला कलकत्ता हाई कोर्ट का आदेश अवैध है। उन्होंने कहा कि TMC इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले में नियुक्त किए गए शिक्षकों की नौकरी को रद्द कर दिया है।
ममता बनर्जी ने कोर्ट के फैसले को दी चुनौती
उत्तर बंगाल के रायगंज में 2024 की लोकसभा चुनाव रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने BJP नेताओं पर न्यायपालिका और निर्णयों के एक वर्ग को प्रभावित करने का आरोप लगाया। ममता बनर्जी ने कहा कि "हम उन लोगों के साथ खड़े रहेंगे जिन्होंने नौकरियां खो दीं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इनको न्याय मिले और इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।" कलकत्ता हाई कोर्ट ने आज पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (SLST) की भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से की गई सभी नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया है। SLST 2016 में 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षी दी थी।
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ने भी कही चुनौती देने की बात
हालांकि, रिक्तियों के विरुद्ध कुल 25,753 नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने कहा कि वे भी कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने क्या किया फैसला?
कलकत्ता हाई कोर्ट ने आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरियों के लिए 2016 की चयन प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की आगे जांच करने का निर्देश दिया है। अदालत ने 2016 में नियुक्त सभी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद, CBI ने TMC नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) के कई अधिकारियों को एक घोटाले में शामिल होने के संदेह के कारण गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई उन उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिकाओं के बाद की गई, जिन्होंने राज्य स्तरीय चयन परीक्षा 2016 उत्तीर्ण की थी। लेकिन उन्हें नौकरियों में नियुक्त नहीं किया गया था। अदालत का नेतृत्व करने वाले सेवानिवृत्त न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने पहले नियुक्ति प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की CBI जांच का आदेश दिया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने अनियमितताएं पाए जाने पर 36,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करने का भी फैसला सुनाया।
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