Kisan Fair: CSIR-सीमैप में कल से लगेगा किसान मेला, 21 राज्यों से आएंगे औषधीय खेती करने वाले किसान

UP News: सीएसआईआर-सीमैप (केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान) में मंगलवार से किसान मेला लगेगा। इसमें लगभग 21 राज्यों से पांच हजार से ज्यादा किसान हिस्सा लेंगे।
Dr. Prabodh Kumar Trivedi, Dr. Manoj Semwal and Dr. Sanjay Kumar
Dr. Prabodh Kumar Trivedi, Dr. Manoj Semwal and Dr. Sanjay Kumarraftaar.in

लखनऊ, (हि.स.)। सीएसआईआर-सीमैप (केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान) में मंगलवार से किसान मेला लगेगा। इसमें लगभग 21 राज्यों से पांच हजार से ज्यादा किसान हिस्सा लेंगे। औषधीय पौधों की खेती करने वाले किसानों के सीमैप एक एरोमा मिशन ऐप भी लांच करने जा रहा है, जो मुख्य रूप से किसानों और इंडस्ट्री के बीच एक पुल का काम करेगा।

सीमैप लखनऊ के निदेशक डा. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने इसकी जानकारी दी

सीमैप लखनऊ के निदेशक डा. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस किसान मेले में लगभग पांच सौ महिलाएं भी होंगी, जो अगरबत्ती के निर्माण कार्य में लगी है। अगरबत्ती का इस्टाल के साथ ही अगरबत्ती बनाने की कला का प्रदर्शन भी किया जाएगा। इसके उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप्र के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस मेले में सोलर लाइट का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही डिस्टिलेशन यूनिट, प्लांटिंग मेटेरियल आदि के भी स्टाल होंगे।

इसके साथ ही पहली बार सेल्फी प्वाइंट बनाया जाएगा

डा. प्रबोध कुमार ने बताया कि एरोमा मिशन के तहत अब तक पिपरमेंट के 160 वेराइटियां विकसित की जा चुकी हैं। उसकी पुस्तक भी निकाली जा रही है, जिसका विमोचन मेले के उद्घाटन अवसर पर किया जाएगा। एक स्क्रीन जेल भी उस दिन लांच होगा। इसके साथ ही पहली बार सेल्फी प्वाइंट बनाया जाएगा। कई तरह के साबुनों का भी इस दौरान प्रदर्शन किया जाएगा।

दस हजार से अधिक महिलाएं अगरबत्ती के कामों में लगी हुई हैं

एरोमा मिशन की उपलब्धि बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में 350 ट्रेनिंग प्रोग्राम विभिन्न गांवों में जाकर दिया गया है। पचास हजार से अधिक किसानों का स्किल डवलपमेंट हुआ है। दस हजार से अधिक महिलाएं अगरबत्ती के कामों में लगी हुई हैं।

हमारे वैज्ञानिक दूर के गांवों में कलस्टर बनाने का हमेशा प्रयास करते रहते हैं

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि तमिलनाडू के अन्ना मलाई के एक गांव में भी हमारा मिशन पहुंचा हुआ है, जहां मोबाइल का नेटवर्क भी काम नहीं करता है। हमारे वैज्ञानिक दूर के गांवों में कलस्टर बनाने का हमेशा प्रयास करते रहते हैं। यही कारण है कि छत्तीगढ़ के बस्तर संभाग में भी कई कलस्टर इस मिशन के तहत औषधीय पौधों की खेती कर रहे हैं। आज मेघालय, पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर, असम, नागालैंड में एरोमा मिशन के तहत काम चल रहा है। गोरखपुर में हर्बल गार्डेन लगाया गया है। इस दौरान सीमैप के प्रधान वैज्ञानिक डा. मनोज सेमवाल और डा. संजय कुमार भी मौजूद रहे।

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