नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। आम चुनावों की घोषणा हो गई है लेकिन अभी तक कैसरगंज से उम्मीदवार पर BJP ने मुहर नहीं लगाई है। ऐसे में सस्पेंस बना हुआ है कि क्या इस बार भी पार्टी बृजभूषण शरण सिंह को लोकसभा भेजेगी या नहीं। प्रयागराज सीट समेत प्रदेश की 12 सीटों के लिए BJP ने अभी पत्ते नहीं खोलें हैं।
75 सीटों पर चुनाव लड़ेगी BJP
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं जिनमें से BJP 75 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बाकि 5 सीटों पर उसके सहयोगी दल NDA में शमिल पार्टियों के मिला है। जिनमें से RLD को 2 सीट (बिजनौर और बागपत), अपना दल (एस) को 2 सीटें (मिर्जापुर और रॉबर्टसगंज) तो वहीं घोसी सीट से सुभासपा चुनाव लड़ेगी। BJP ने 75 में से 63 सीटों के उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए हैं। लेकिन 12 सीटों पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है।
12 सीटों पर अटकी BJP
मिशन 400 पार करने के लिए BJP ने NDA के दलों को सीट बंटवारे के लिए मना लिया और सीट बंटवारा भी शांति से हो गया लेकिन अभी भी पार्टी अपने ही पेंच सुलझाने में लगी है। इन सीटों में रायबरेली, मछलीशहर, कैसरगंज, प्रयागराज, फुलपुर, कौशांबी, बलिया, गाजीपुर, भदोही, देवरिया, मैनपुरी और फिरोजाबाद सीटें शामिल हैं। इन 12 सीटों में से 3 सीटों पर विपक्ष का कब्जा है बाकी 9 सीटों पर BJP का राज है। इसलिए यह मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।
मैनपुरी-रायबरेली पर BJP की मुश्किलें बरकरार
आपको बता दें कि मैनपुरी समाजवादी पार्टी का गढ़ है पिछले 3 दशकों से मैनपुरी में यादवों का बिगुल बजता आ रहा है। समाजवादी पार्टी के फाउंडर मुलायम सिंह यादव खुद मैनपुरी से लड़कर पहली बार सांसद पहुंचे थे तभी से मानो जैसे मैनपुरी समाजवादियों की होकर रह गई। मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद उनकी पुत्र वधू अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने उपचुनाव में सीट अपने सपा के खाते में लाने में सफल हुईं। वहीं दूसरी और रायबरेली भी इंदिरा गांधी के काल से कांग्रेस का किला बनी हुई है। दोनों सीटें विपक्षी पार्टियां इन सीटों पर BJP के लिए चट्टान बनी हुई हैं।
कैसरगंज-प्रयागराज में चल रहा मंथन
महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण मामले में आरोपित बृजभूषण शरण सिंह से यूं तो पार्टी किनारा करते हुए नजर आ रही है ऐसे से इस बात पर सस्पेंस बना हुआ है कि BJP फिर से बृजभूषण को मैदान में उतारेगी या नहीं? पार्टी ने इस बात की भी पुष्टि नहीं की है कि कैसरगंज सीट पर नए चेहरे का दांव खेलेगी। प्रयागराज में भी ऐसा ही हाल बना हुआ है, क्योंकि रीता बहुगुणा जोशी ने विधानसभा चुनाव के दौरान ही लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का संकेत दे चुकी हैं, जिसके चलते माना जा रहा है कि उनकी जगह पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव खेल सकती है।
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