गहलोत, शेखावत
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Rajasthan Election: खालिस्तानियों की तारीफ करना सीएम गहलोत का मानसिक दिवालियापन; केन्द्रीय मंत्री शेखावत

Rajasthan Election: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि बीते पांच साल में गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीती के चलते एक दर्जन से अधिक पुजारियों और संतो की हत्या हो चुकी है।

जयपुर, (हि.स.)। प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीती को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बड़े दुखी और द्रवित मन से कहना पड़ रहा है कि बीते पांच साल में गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीती के चलते एक दर्जन से अधिक पुजारियों और संतो की हत्या हो चुकी है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस सरकार ने इन संतो और पुजारियों को कोई मुआवजा और आर्थिक सहायता देने का काम नहीं किया, लेकिन जयपुर में रोडरेज की घटना में एक युवक की मौत के महज एक घंटे में सरकार ने 50 लाख के मुआवजे की घोषणा कर दी। इस सरकार का एजेंडा केवल अपने वोट बैंक को साधने का है, और समाज को बांटकर एक समुदाय विशेष को खुश करने का है।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सोमवार को भाजपा प्रदेश मीडिया सेंटर पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दौसा के कालाखों में एक पुजारी की घर के बाहर पीट-पीटकर हत्या की जाती है, और मृतक पुजारी को इतनी निर्दयता से पीटा गया कि उनकी आंखे निकलकर सड़क पर गिर गई। इस घटना से लाखों प्रदेशवासी आहत हैैं। बीते पांच सालों में साधु संतो और पुजारियों के खिलाफ घटनाओं की बात करें तो मुख्य रूप से अलवर के भर्तहरी में साधु की हत्या, मुख्यमंत्री अषोक गहलोत के आश्वासन के बाद भी मांगे पूरी नहीं होने के बाद संत विजयदास का अनशन पर बैठना और तंग होकर आत्मदाह कर लेना, राजगढ़ के देवगढ़ में एक संत की हत्या होना, संगरिया में तलवार से एक साधु की नृशंस हत्या, जोधपुर, जालौर, और पुजारी विवेकानंद की हत्या सहित दिव्यांग पुजारी की हत्या का मामला प्रदेश में गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीती के प्रमाण हैं।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि इन पांच सालों में हिंदु त्यौहारों पर प्रतिबंध लगाना जिसमें रामनवमी के जूलूस पर रोक लगाना, हिंदू नववर्ष के अवसर पर निकलने वाली रैली पर पथराव की घटनाएं षामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के मुखिया हिुंदुओं की तुलना आतंकवादियों से करते हैं यह बेहद शर्मनाक है। जिस कांग्रेस पार्टी की नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी खालिस्तानियों के आतंक की भेंट चढ़ चुकी आज उसी पार्टी के नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस संगठन की तारीफ के कशीदे गढ़ते हैं। कांग्रेस पार्टी के भीतर का अंर्तकलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा और ये लोग हमें सीख दे रहे हैं। डीडवाना में गैंगरेप की घटना हो या आए दिन महिलाओं के खिलाफ बढ़ता उत्पीड़न बताता है कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेष को रेप कैपिटल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रदेश में एक दर्जन संतो पुजारियों की हत्या और सात हजार से ज्यादा निर्दाेश नागरिकों की हत्या से इस सरकार ध्यान क्याें नहीं जाता?

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि गैंगेस्टर राजू ठेठ की हत्या के दौरान अपनी बेटी से मिलने आए निर्दाेश पिता की हत्या की जाती है, लेकिन गहलोत सरकार मुआवजे के नाम पर चुप रहती है। उस बेसहारा बेटी का सहारा कौन बनेगा जो फीस के लिए बाट देखती रही, क्या मुख्यमंत्री गहलोत की जिम्मेदारी नहीं बनती थी कि वो एक बेसहारा बेटी को आर्थिक सहायता देते ? रोज अनर्गल बयान देकर प्रदेश की जनता का ध्यान भटकाने की बजाय गहलोत सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान देती तो बेेहतर होता।

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