नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। महाराष्ट्र की राजनीति में आज बहुत ऐतिहासिक बदलाव आया है। पहले NCP का मतलब शरद पवार हुआ करता था अब अजित पवार है। भारतीय चुनाव आयोग ने आज सुबह एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा कि नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का नाम और चिन्ह अजित पवार को मिलेगा। क्योंकि, अजित पवार के पास सबसे अधिक विधायकों का समर्थन है।
परिवार की लड़ाई बाहर पहुंची
2 जुलाई, 2023 को अजित पवार ने BJP के नेतृत्व में NDA में शामिल होकर शिवसेना के शिंदे गुट में डिप्टी सीएम बने। तभी से चाच भतीजे में राजनीतिक तकरार बढ़ना शुरु हुई। एक तरफ जहां शरद पवार खुद को पार्टी का निर्माता बता रहे थे तो वहीं दूसरी ओर अजित पवार पार्टी को अपना बता रहे थे। चाचा भतीजे का लड़ाई यहीं खत्म नहीं हुई। अजित पवार ने मुंबई में उनके समर्थन में आए विधायको को संबोधित करते हुए शरद पवार को पार्टी से संयास लेकर अपनी सेहत पर ध्यान देने के लिए नसीहत दी थी। इस पर शरद पवार की बेटी और NCP सांसद सुप्रिया सुले ने अजित पवार पर को जवाब दिया, कहा- "जो बोलना है हमें बोलो, बाबा को कुछ नहीं बोलना।"
कब से शुरु हुआ सत्ता का खेल?
2019 में जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुआ। उसमे BJP को 105 सीटें, शिवसेना को 56, NCP को 54 और कांग्रेस 44 सीटों से पीछे थी। 2019 में BJP और NCP ने मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई। उस समय BJP से देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के सीएम नियुक्त हुए और अजित पवार डिप्टी सीएम नियुक्त हुए। इसके बाद सिर्फ 2 दिन में अजित पवार ने BJP के साथ गठबंधन तोड़कर अकेले रहने का निर्णय लिया। इस बात से अजित पवार को नाराजगी हुई। यही वो समय था जब अजित पवार के मन में नाराजगी का बीज उगना शुरु हुआ।
राजनीतिक नाराजगी
10 जून 2023 को NCP के 25वें स्थापना दिवस पर शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद अजित पवार की नाराजगी की खबरें आईं। हालांकि, उन्होंने इसे अफवाह बताया। उस दौरान मीडिया द्वारा अजित पवार की BJP में शामिल होने की खबरे आईं जिसका अजित पवार ने साफ इंकार किया। लेकिन यही समय था जब अजित पवार ने नाराजगी अंदर छुपाकर पार्टी में कार्यरत रहे। शरद पवार ने भी कहा कि अजित पहले से ही विपक्ष के नेता के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वे राज्य देखेंगे। शरद यहां अपने भतीजे की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को समझने में चूक गए।
शिंदे सरकार के साथ मिलाया हाथ
शरद पवार ने 2 मई 2023 को NCP अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद अजित पार्टी अध्यक्ष बनाए गए थे। हालांकि, समर्थकों के भारी अपील के बाद शरद पवार ने अपना फैसला वापस ले लिया। इसपर अजित पवार की नाराजगी साफ देखी गई। शरद पवार अपने भतीजे की नाराजगी को दूर करने में चूक गए। इसके नतीजे के रूप में अजित पवार ने अपना अलग गुट बनाकर महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल होने का फैसला किया। जुलाई 2023 में उन्हें शिंदे सरकार में डिप्टी CM बनाया गया। देवेंद्र फडणवीस पहले से ही डिप्टी सीएम थे।
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे शरद पवार
शरद पवार और उनकी बेटी और NCP सांसद सुप्रिया सुले ने पार्टी चिन्ह अजित पवार को मिलने पर सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है। सुप्रिया सुले ने कहा कि हमारे साथ उद्धव ठाकरे जैसा हुआ है। आज पूरे दिन शरद पवार और उनके समर्थनों ने लोकतंत्र की दुहाई दी।
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