नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा ) के अंदर तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा। आज सुबह धाराशिव जिले के जिला राकांपा अध्यक्ष सुरेश विराजदार ने जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पिछले 24 घंटे में चार विधायकों ने उप मुख्यमंत्री अजीत पवार से मुलाकात की है। इस घटना से जहां एक तरफ NCP में घमासान मचा है, तो वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना में भी रस्साकशी दिख रही है।
इन लोगों ने कि अजीत पवार से मुलाकात
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और विधायक राजेश टोपे और सुनील भुसारा ने गुरुवार देररात अजीत पवार से उनके शासकीय आवास देवगिरी में मुलाकात की है। आज सुबह विधायक चेतन तुपे ने भी उनसे भेंट की। इसके अलावा पूर्व मंत्री और विधायक राजेंद्र शिंगणे ने अजीत को समर्थन देने की घोषणा की है। इन मुलाकातों को शरद पवार के लिए झटका माना जा रहा है। अजित गुट का दावा है कि इनके अलवा और भी नेता उनके संपर्क में हैं। सब खेमे में आने को बेताब हैं। ।
क्या शिवसेना में दिख रहें टूट के आसार?
महाराष्ट्र एनसीपी (NCP) में बगावत और अजित पवार (Ajit Pawar) के उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद सत्ताधारी शिवसेना में भी खटपट शुरू हो गई है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अदिति तटकरे (Aditi Tatkare) को रायगढ़ जिले का प्रभारी मंत्री बनाए जाने पर शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के एक विधायक ने विरोध किया है। भारत गोगावाले रायगढ़ के महाड़ विधानसभा सीट के विधायक हैं। उन्होंने कहा अदिति तटकरे को रायगढ़ का प्रभारी मंत्री बनाए जाने का सभी विधायकों ने विरोध किया है। क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच यह तय हुआ था कि जब मैं मंत्री बनने की कतार में हूं तो प्रभारी मंत्री का पद शिवसेना के पास होना चाहिए। तो एनसीपी को रायगढ़ के प्रभारी मंत्री का पद दिए जाने का सवाल ही नहीं पैदा होता है।
कौन है अदिति तटकरे?
अदिति तटकरे रायगढ़ के सांसद सुनील तटकरे की बेटी हैं। एनसीपी सुप्रीमो और चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत के बाद अजित पवार ने सुनील तटकरे को पार्टी की महाराष्ट्र यूनिट का अध्यक्ष बनाया था। जिसके बाद अदिति तटकरे को रायगढ़ का प्रभारी मंत्री बनाने की चर्चा हुई थी।