राजगढ़, हि.स.। मध्य प्रदेश में बोरवेल के खुले गड्ढे ने एक और मासूम की जान ले ली। राजगढ़ जिले में मंगलवार शाम को खेलते समय बोरवेल के गड्ढे में गिरी 5 साल की बच्ची माही को करीब 9 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित बाहर तो निकाल लिया गया, लेकिन बच्ची की जान नहीं बच पाई। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर कड़ी मशक्कत के साथ कड़कड़ाती ठंड में रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बच्ची को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। उपचार के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया।
बच्ची खेलते-खेलते बोरवेल के खुले गड्ढे में जा गिरी
बोड़ा थाना पुलिस के अनुसार, ग्राम पटाड़िया धाकड़ निवासी रवि भिलाला की 5 वर्षीय बेटी माही अपने मामा-नाना के यहां ग्राम पिपलिया रसोड़ा आई हुई थी। यहां पर बालिका के नाना इंदर भिलाला के खेत पर बोरवेल का गड्ढा है। मंगलवार शाम करीब 5:45 बजे बच्ची खेलते-खेलते बोरवेल के खुले गड्ढे के पास पहुंच गई और उसमें जा गिरी। परिजनों ने तत्काल यह जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही बोड़ा थाना प्रभारी रामकुमार भगत पुलिसकर्मियों के साथ घटनास्थल पहुंच गए।
SDRF और NDRF की टीम राहत एवं बचाव कार्य में जुटी रही
इसी बीच एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। बच्ची को ऑक्सीजन देने के लिए टीम को मौके पर बुलाया गया और पाइप के जरिए बच्ची तक ऑक्सीजन पहुंचाई गई। घटना की जानकारी लगने के बाद राजगढ़ से कलेक्टर हर्ष दीक्षित, एसपी धर्मराज मीना घटना स्थल पहुंचे। उधर नरसिंहगढ़ विधायक मोहन शर्मा भी वहां पहुंच गए थे।
करीब 3:30 बजे बच्ची को बोरवेल के गड्ढे से निकाला बाहर
भोपाल और राजगढ़ से पहुंची एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमों ने करीब 9 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर आज तड़के करीब 3:30 बजे बच्ची को बोरवेल के गड्ढे से बाहर निकाला। कलेक्टर हर्ष दीक्षित ने बताया कि बच्ची बोरवेल के गड्ढे में 17 फीट पर फंसी हुई थी। उसे बाहर बचाने के लिए पोकलेन-जेसीबी मशीनों के जरिए बोरवेल के समानांतर 20 फीट गड्ढा खोदा गया। इसके बाद सुरंग बनाकर बच्ची को बाहर निकाला गया।
इलाज के दौरान मौत बच्ची की हुई मौत
उसे बेहोशी की हालत में सीधे पचोर के अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे गंभीर हालत में तुरंत भोपाल के हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। माही ने आज सुबह करीब 7:00 बजे अंतिम सांस ली।
डॉक्टरों का कहना है कि गले में सूजन और सांस लेने में तकलीफ के चलते बच्ची सरवाइव नहीं कर सकी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस घटना पर नजर बनाए हुए थे। वह लगातार अधिकारियों से संपर्क में रहे। उन्होंने देर रात एक्स पर पोस्ट कर कहा था कि बच्ची को जल्द सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा।
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