Amarnath Yatra: चहचहाने वाला अमरनाथ यात्रा मार्ग सूना, आज वैकल्पिक सड़क तैयार होने की संभावना

Amarnath Yatra 2023: पवित्र अमरनाथ यात्रा आज (मंगलवार) लगातार पांचवें दिन भी शुरू नहीं हो सकी। तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा मार्ग के शिविरों में शरण ले रखी है।
Amarnath Yatra 2023
Amarnath Yatra 2023

रामबन (जम्मू), हि.स.। पवित्र अमरनाथ यात्रा आज (मंगलवार) लगातार पांचवें दिन भी शुरू नहीं हो सकी। भगवान शंकर के भक्तों का इंतजार लंबा होता जा रहा है। अपने घरों से बाबा भोले के दर्शन का संकल्प लेकर निकले लोग उनके दर्शन किए बिना वापस जाने को तैयार नहीं हैं। मझधार में फंसे तीर्थयात्रियों के लिए जम्मू से लेकर उधमपुर, पटनीटॉप और रामबन के होटल सहारा बने हैं । बहुतेरों ने अमरनाथ यात्रा मार्ग के शिविरों में शरण ले रखी है।

लगातार इस रूट पर चलते थे यात्री

आज (मंगलवार) सुबह रामबन की वो सड़कें सूनी दिखाई दे रही हैं, जो यात्राकाल में लगातार चहचहाती रहती थीं। खासकर सुबह के समय तो तीर्थयात्री यहां रुककर चाय-नाश्ता करते थे, क्योंकि रामबन के बाद से लेकर बनिहाल तक यात्रा थोड़ी दुर्गम होती है और मार्ग में अधिक सुविधा भी नहीं है। यात्रा स्थगित होने से रामबन के स्थानीय दुकानदारों का कारोबार भी प्रभावित हुआ है।

वैकल्पिक मार्ग बन कर जल्द होगा तैयार

मौसम की मार से हर कोई जूझ रहा है। खराब और साफ होते मौसम के बीच भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) लगातार नई वैकल्पिक सड़क के निर्माण में जुटा हुआ है। संभावना यह जताई जा रही है आज दोपहर बाद तक यह वैकल्पिक मार्ग बनकर तैयार हो जाएगा। कुछ परीक्षण के बाद इसे यात्रियों के लिए खोले जाने की संभावना है।

चिनाब नदी में बही सड़क

रामबन से करीब एक किलोमीटर आगे जहां सड़क चिनाब नदी में बह गई है, वहां एनएचएआई की टीम ने डेरा डाल दिया है। लगातार बुलडोजर, क्रेन और रोड-रोलर की आवाज गूंज रही है। दिन-रात एक करके यात्रा के लायक मार्ग तैयार करना उनकी प्राथमिकता है।

बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल सिंह ने यात्रा मार्ग की स्थिति पर 'हिन्दुस्थान समाचार' से बातचीत की। उन्होंने कहा- 'आठ जुलाई को भीषण बारिश के चलते रामबन से आगे कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ। चिनाब नदी में पानी का बहाव तेज हो गया। इस वजह से कई स्थानों पर सड़क के पास कटान हुआ। ऐसे में यात्रा रोके जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। हम तीर्थयात्रियों की जान खतरे में नहीं डाल सकते थे। यहां तक कि जो यात्री पवित्र गुफा में भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर पहलगाम या बालटाल लौट आए थे, उन्हें भी वहीं रोक दिया गया है। हम उन्हें वापस नहीं भेज पा रहे हैं। हम चाहते हैं कि जो जिस भी सुरक्षित स्थान पर है, वहीं रहे। हम सुरक्षित और सुगम यात्रा के प्रबंधन में लगे हैं। बोर्ड के यात्रा पुनः प्रारंभ करने की घोषणा के बाद ही वे अमरनाथ जी की यात्रा पंजीकरण कराकर शुरू करें।'

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