नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवता की पूजा की जाती है। भारत में अनेक तीर्थ स्थल हैं। हर एक तीर्थ स्थल की अपनी विशेषता है। अमरनाथ धाम में देवाधिदेव महादेव साक्षात विराजमान माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि वहां बर्फ का शिवलिंग हर साल ही बनकर तैयार हो जाता है। हिमशिवलिंग होने के कारण उसे बाबा बर्फानी के नाम से भी जाना जाता है। अमरनाथ गुफा को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। इस पवित्र गुफा में हिमशिवलिंग के अलावा, पार्वती पीठ और गणेश पीठ भी प्राकृतिक रूप में ही बर्फ से ही बना हुआ है।
क्या है बाबा बर्फानी का रहस्य
किंवदंती के अनुसार, सबसे पहले ऋषि भृगु अमरनाथ की खोज करने वाले पहले व्यक्ति थे। पहले कश्मीर की घाटी पानी में डूबी रहती थी, लेकिन जब पानी सूख गया तो भृगु ने सबसे पहले अमरनाथ में शिव के दर्शन किये। इसके बाद काफी समय तक इस गुफा के बारे में लोगों को पता नहीं चला। 1850 में बूटा सिंह मलिक नामक साधु ने यहां एक टोकरी दी जब वो घर पहुँचा तो टोकरी में रखें फूल सोना बन गया। जब बूटा मलिक साधु को खोजने निकला तो वहां उसे साधु की जगह शिवलिंग मिला। उन्होंने दूसरों को इसके बारे में बताया और तीन साल बाद यहां अमरनाथ यात्रा की स्थापना की। बूटा परिवार आज भी अमरनाथ गुफा का प्रबंधन करता है।
अमरनाथ यात्रा का महत्व
अमरनाथ गुफा हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा एक पवित्र हिंदू तीर्थस्थल है। प्राचीन काल में इस गुफा को "अमरेश्वर" कहा जाता था। बर्फ से कतरन बनने के कारण इसे "बाबा बर्फानी" भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से इस पवित्र गुफा में बने शिवलिंग के दर्शन करता है उसे मोक्ष मिलता है। श्री राम कुंड भी अमरनाथ गुफा के ऊपर पर्वत पर माना जाता है। अमरनाथ गुफा में स्थित पार्वती का शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है।