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मेट्रो में सफर करना खुदकों अपराध के हाथों में सौंपना !

नई दिल्ली, 25 फरवरी (हि.स.)। राजधानी दिल्ली की ‘लाइफ लाइन’ मानी जाने वाली मेट्रो में सफर करना खुद को अपराध के हाथों में सौंपना जैसा हो गया है। बीते सालों के कुछ आंकड़ो को देखने के बाद पता चला है कि मेट्रो में चोरी, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के बहाने से लोगों से ठगी व नकली नोटों की गड्डी दिखाकर ठगी की वारदात सबसे ज्यादा हुई है। इससे बचने के लिये मेट्रो पुलिस ने लोगों से अपील करते हुए उन्हें कुछ सालह दी है, जिससे वह उक्त घटनाओं का शिकार होने से बच सके। मेट्रो पुलिस के प्रयास से वर्ष 2021 में अभी तक अपराध में 60 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है। वहीं वारदात सुलझाने के मामले में बीते वर्षों के मुकाबले मेट्रो पुलिस को ज्यादा कामयाबी मिली है। मेट्रो पुलिस ने लोगों से भी अपील की है कि वह सफर के दौरान सतर्क रहें ताकि अपराधी उन्हें शिकार न बना सकें। तीन तरह के अपराधों को देते अंजाम गुरुवार को जानकारी देते हुए मेट्रो डीसीपी जितेंद्र मणि ने बताया कि मेट्रो में मुख्य रूप से तीन तरह के अपराधों को अंजाम दिया जाता है। इनमें से पहला अपराध चोरी है। ऐसा देखने में आया है कि मेट्रो में यात्रियों की जेब या बैग से सामान चोरी की वारदातों को पीक ऑवर में अंजाम दिया जाता है। खासतौर से भीड़भाड़ वाले मेट्रो स्टेशन पर ऐसी वारदातें ज्यादा होती हैं। इन वारदातों को रोकने के लिए भीड़भाड़ वाले मेट्रो स्टेशनों पर पीक आवर के दौरान पुलिसकर्मी तैनात किए जाते हैं। उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि मेट्रो सफर के दौरान अगर कोई उन्हें धक्का दे या कुछ लोग उनके पास घेरा बना लें तो तुरंत सावधान हो जाएं। यह लोग चोर हो सकते हैं। इनमें महिला गैंग भी शामिल हैं। शक होने पर तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दें ताकि उन्हें पकड़ा जा सके। इतने सालों में मेट्रो में इतने मामले सुलझे साल अपराध ममाले सुलझे 2019 1140 23 फीसदी 2020 1130 30 फीसदी 2021 360 70 फीसदी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने से बचें डीसीपी ने बताया कि लॉक डाउन के बाद जब मेट्रो सेवा बहाल हुई तो इसमें दूसरी घटना ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के बहाने लोगों से ठगी के मामले बढ़ने लगे। अलग-अलग बहानों से ठग यात्रियों को अपनी बातों में फंसाकर उनके मोबाइल ऐप, डेबिट कार्ड आदि से रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं। ऐसे कुछ गैंग का पुलिस द्वारा पर्दाफाश भी किया गया है। डीसीपी की तरफ से लोगों को सलाह दी गई है कि वह मेट्रो यात्रा के दौरान किसी भी अन्य व्यक्ति के कहने पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन न करें। आप केवल अपना कार्ड रिचार्ज कराने के लिए वहां मौजूद डीएमआरसी कर्मचारी के कहने पर ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करें। अगर कोई आपको अपनी बातों में फंसाकर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की बात कहे तो तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दें। नोटों की गड्डी का लालच पड़ सकता है भारी डीसीपी ने बताया कि मेट्रो के अंदर तीसरी घटना नकली नोटों की गड्डी दिखाकर लोगों से ठगी की है। बातों में फंसाकर सीधे दिखने वाले यात्रियों को नोटों की गड्डी थमा दी जाती है और इसके बदले में उनके पास मौजूद नकदी, आभूषण व अन्य सामान ले लिया जाता है। बाद में वह जब गड्डी खोलकर देखते हैं तो उसमें केवल कोरे कागज या अखबार की कतरन भरी होती है। उन्होंने मेट्रो यात्रियों से अपील की है कि वह किसी से भी नोटों की गड्डी लेने के झांसे में न फंसे। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी

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