फैक्ट चेकिंग यूनिट बनाने के केंद्र के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, बताया 'अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा'

SC bans fact check unit: सुप्रीम कोर्ट ने अपने कामकाज से जुड़ी अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए फैक्ट चेकिंग यूनिट (एफसीयू) बनाने के केंद्र के फैसले पर रोक लगा दी है।
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नई दिल्ली, (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने अपने कामकाज से जुड़ी अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए फैक्ट चेकिंग यूनिट (एफसीयू) बनाने के केंद्र के फैसले पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि मामला बांबे हाई कोर्ट में है और उस पर 15 अप्रैल को सुनवाई है। उससे पहले एफसीयू बनाना गलत है।

सरकार ने एक कैविएट दायर की थी

सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एएसजी रजत नायर ने कहा कि बांबे हाई कोर्ट के फैसले और फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं की कॉपी सरकार को नहीं दी गई है, जबकि सरकार ने एक कैविएट दायर की थी। इसलिए मामले के लिए अगली तारीख दी जाए। इस कानून में व्यवस्था है कि एफसीयू अगर इंटरनेट पर प्रसारित जानकारी गलत पाती है, तो उसे हटवाया जाएगा।

मामले में बांबे हाई कोर्ट के दो जजों ने दी अलग-अलग राय

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील का कहना था कि याचिकाओं की कॉपी साझा की गई है। कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील शादान फरासत ने कहा कि उन्होंने अधिसूचना और संशोधन को भी चुनौती दी है, जिसमें मीडियेटर को केंद्र सरकार के संबंध में गलत या भ्रामक जानकारी प्रसारित करने का प्रयास न करने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में बांबे हाई कोर्ट के दो जजों ने 30 जनवरी, 2024 को दो अलग-अलग राय दी, जिनमें से एक जज ने नियमों को पूरी तरह से रद्द कर दिया, जबकि दूसरे जज ने नियम को रद्द नहीं किया।

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