नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में आज शुक्रवार (4 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है। सुनवाई से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार (2 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपने जवाब में कहा था कि अपील सेशंस कोर्ट में लंबित है जिसमें उनके सफलता की संभावना है। इसलिए दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट रोक लगा दे।
सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस किया जारी
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि इस स्तर पर सीमित प्रश्न यह है कि क्या दोषसिद्धि निलंबित किए जाने योग्य है? इस पूर्णेश मोदी और राहुल गांधी ने कोर्ट के समक्ष अपने-अपने जवाब दाखिल किये थे।
राहुल गांधी क्यों गए सुप्रीम कोर्ट?
मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में राहुल गांधी को इस साल मार्च में सूरत की एक कोर्ट ने दो साल कैद की सजा सुनाई थी। जिसके बाद राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट में इस मामले कि अपील की और गुजरात हाई कोर्ट ने सात जुलाई को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने 21 जुलाई को गुजरात सरकार समेत संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा गया था।
क्या था मामला?
दरअसल, राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में लोकसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था “सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है?” इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अन्याय नहीं किया तो माफी क्यों?-अधीर रंजन
'मोदी सरनेम' मानहानि मामले पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का कहना है, ''देश और दुनिया जानती है कि सत्ता पक्ष के आदेश और निर्देश पर संसद में राहुल गांधी को चुप कराने के लिए ऐसा किया गया है। उनकी गलती क्या थी, कि वह माफी मांगेंगे?...राहुल गांधी कोई ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो माफी मांगेंगे। यह अहंकार के कारण नहीं है बल्कि इसलिए कि उन्होंने अन्याय नहीं किया है।''