मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हिंसा पर बोले PM मोदी 'मेरा हृदय क्रोध-पीड़ा से भरा है, बख्शे नहीं जाएंगे दोषी'

Manipur Viral Video: पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है।
Manipur Violence
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Manipur Violence: मणिपुर से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना का वीडियो समने आने के बाद से देशभर के लोगो में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। अब इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, मणिपुर की घटना शर्मिंदा करने वाली है, मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है।

मणिपुर की घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मनाक

पीएम मोदी ने कहा आज जब लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं, तब मेरा मन क्रोध और पीड़ा से भरा हुआ है, किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है। पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, कौन हैं, वो अपनी जगह पर है, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। आज उनके कारण 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है।

पीएम ने मुख्यमंत्रियों से की अपील

पीएम ने कहा, मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वे अपने राज्य में कानून व्यवस्था को और मजबूत करें। खासकर हमारी माताओं और बहनों की सुरक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएं। घटना चाहे राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या मणिपुर की हो, कानून व्यवस्था कायम करें जहां पर नारी का सम्मान किया जाए। इस देश में हिंदुस्तान के किसी भी कोने में किसी भी राज्य सरकार में राजनीति से ऊपर उठकर के कानून व्यवस्था महत्व और नारी सम्मान होना चाहिए। मैं देशवासियों को भरोसा दिलाना चाहता हूं किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। कानून अपनी पूरी शक्ति से एक के बाद एक कदम उठाएगा। मणिपुर में जो बेटियों के साथ हुआ है, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। 

मानसून सत्र से पहले मीडिया को किया संबोधित

आपको बता दे पीएम मोदी आज से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में हिस्सा लेने के लिए संसद भवन पहुंचे थे। वहां उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, सावन का पवित्र मास चल रहा है। इस बार तो डबल सावन है। इसलिए सावन की अवधि भी थोड़ी ज्यादा है। सावन मास पवित्र कार्यों के लिए अति उत्तम माना जाता है। आज जब लोकतंत्र के मंदिर में सावन के पवित्र मास में मिल रहे हैं। लोकतंत्र का मंदिर ऐसे पवित्र कार्य करने के लिए इससे बढ़िया अवसर नहीं हो सकता है। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि सभी सांसद मिलकर इस सत्र का सदुपयोग करेंगे। संसद की जिम्मेदारी है चर्चा करना। चर्चा जितनी ज्यादा होती है, उतने ही दूरगामी प्रभाव पड़ते हैं। सदन में जो माननीय सांसद आते हैं, वह धरती से जुड़े होते हैं। जनता के दुख दर्द को समझने वाले होते हैं और इसलिए जब चर्चा होती है तो उनकी तरफ से जो विचार आते हैं। वह जड़ों से जुड़े हुए विचार आते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इस सत्र में जो बिल लाए जाएंगे, वे जनता से जुड़े होंगे। 

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