बिहार, रफ्तार डेस्क। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई मुलाकात ने देश की राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा बटोरनी शुरू कर दी है। बता दें कि नीतीश कुमार और भाजपा के NDA गठबंधन ने बिहार में मिलकर सरकार बनाई है। बिहार के मुख्यमंत्री की गठबंधन की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यह पहली मुलाकात है। नीतीश कुमार गुरुवार को वापस बिहार लौट जायेंगे।
देखना होगा कि दोनों कि रणनीति इस विषय में कितनी कारगर साबित होती है
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फ्लोर टेस्ट देना होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री के बीच इस मुद्दे को लेकर जरूर चर्चा हुई होगी। NDA को बिहार में नीतीश सरकार को बनाये रखने के लिए बहुमत साबित करना होगा। बिहार विधानसभा में NDA 12 फरवरी को करेगी बहुमत परीक्षण। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच बहुमत को लेकर गहन चर्चा हुई है। देखना होगा कि दोनों कि रणनीति इस विषय में कितनी कारगर साबित होती है।
जो राज्य सरकार के खजाने में अतिरिक्त भार होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नीतीश की मुलाकात कही न कहीं मुख्यमंत्री के बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर भी अहम रही होगी। नीतीश कुमार की NDA के साथ गठबंधन को लेकर प्रदेश की जनता को भी नीतीश का पूर्व में बिहार को लेकर किये गए वादों को लेकर उम्मीदे बढ़ सी गयी है। मुख्यमंत्री नीतीश पर जाति जनगणना के बाद प्रदेश के 94 हजार गरीब परिवारों को 2-2 लाख देने के राज्य सरकार की योजना के लिए धन की समस्या आन पड़ी है। अगर बिहार सरकार इस योजना में खर्च करती है तो पांच सालो में पूरे ढाई लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो राज्य सरकार के खजाने में अतिरिक्त भार होगा।
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