नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। राजनीति में बयान देना आम बात है, मगर किसी मुद्दे पर बिना सोचे समझे कुछ भी कहना नेताओं को मीडिया में चर्चा में तो ला देता है, पर नेताओं को कभी कभी इसका बड़ा खामियाजा भी भुगतना पड़ जाता है। यह कोई एक पार्टी का विषय नहीं है बल्कि भाजपा, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राजद जैसी कई पार्टियों के नेता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है।
भाजपा ने बिना सोच समझकर बयान देने वाले नेताओं से किया किनारा
भाजपा ने अपने ऐसे नेताओं का टिकट काट दिया है, जो बिना सोचे समझे कुछ भी बयान देने के लिए जाने जाते है। पार्टी ने अपने ऐसे नेताओं से किनारा कर लिया है। पहले ये नेता अपने बयानों की वजह से ही जाने जाते थे। भाजपा ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से वरुण गांधी का भी इस कारण से टिकट काट दिया है। पार्टी ने बिहार के मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद का भी बिना सोचे समझे बयानों देने के कारण टिकट काट दिया है। कोरोनाकाल में अजय निषाद ने देश के मुसलमानों को आतंकी बता डाला था। उनका यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया था। बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर का भी उनके विवादास्पद बयानों के कारण टिकट काट दिया है। उन्होंने नाथुराम गोडसे को देश भक्त बता दिया था। पार्टी ने इस कड़ी में दक्षिण दिल्ली के भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी का भी टिकट काट दिया है।
कांग्रेस ने सुप्रिया श्रीनेत का टिकट भी काट दिया
समाजवादी पार्टी ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य से दुरी बना ली थी, उन्होंने हिन्दू को धर्म मानने से मना तो किया ही साथ में हिन्दू धर्म को धोखा बता डाला था। जिसके बाद उनके इस बयान का काफी विरोध हुआ था। मौर्य के बिना सोच समझकर बयान देने का खामियाजा उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य को भी भुगतना पड़ा है। वह बदायूं की भाजपा सांसद हैं। कांग्रेस ने सुप्रिया श्रीनेत पर भी भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत पर विवादास्पद बयान देने के कारण टिकट काट दिया है और उन्हें महाराजगंज से टिकट नहीं दिया।
अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in