जाह्नवी कपूर ने किया मां श्रीदेवी का सपना पूरा, घर को किया होटल में तब्दील

Janhvi kapoor: चेन्नई में बनी श्रीदेवी के घर को जाह्नवी कपूर और बोनी कपूर ने होटल में बदल दिया है। ये श्रीदेवी की इच्छा थी कि वह इस घर को होटल में बदलें।
Sridevi Janhvi kapoor
Sridevi Janhvi kapoorwww.raftaar.in

नई दिल्ली रफ्तार डेस्क। श्रीदेवी की मौत के बाद उनका पूरा परिवार उन्हें याद करते हुए चेन्नई वाले घर जाते थे जो श्रीदेवी ने बनाया था। हालांकि अब जाह्नवी कपूर ने उस घर को होटल में तब्दील कर दिया हैं और अब आम लोग भी उसे घर में रह सकते हैं। बस उन्हें कुछ क्राइटेरिया को फॉलो करना होगा।

श्रीदेवी के घर में रह सकते हैं उनके फैंस

श्रीदेवी के परिवार ने उनके घर को होटल में बदल दिया है जब एक्ट्रेस जिंदा थी तो उनकी भी यही इच्छा थी इस घर को थोड़ा मॉडिफाई करा कर एक होटल में तब्दील कर दिया जाए। अब उनके मरने के बाद उनकी बेटी जाह्नवी कपूर और उनके पति बोनी कपूर ने मिलकर इस काम को अंजाम दिया हैं।इस घर को पूरी तरह रेनोवेट कराया गया है ताकि लोग यहां आए और एन्जॉय कर सके। इस घर को बोनी कपूर ने रेंटल कंपनी को सौंप दिया है।

जाह्नवी कपूर ने किया मां श्रीदेवी को याद

इस घर को होटल में तब्दील कराने के बाद जाह्नवी ने रेंटल कंपनी संग टाईअप पर कहा-मुझे याद है, हम लोगों ने मां के कई बर्थडे वहां सेलिब्रेट किए हैं। वहां मेरा और पापा का बर्थडे भी सेलिब्रेट किया है। पापा खुशी और मैं अक्सर यहां समय बिताने के लिए आया करते थे लेकिन कुछ दिनों से हमेशा नहीं कर पा रहे थे। जानवी ने आगे कहा कि मन भी यही चाहती थी कि उनका यह घर होटल में बदल दिया जाए इसके बाद पापा ने इस घर को रेनोवेट कराकर होटल में बदल दिया ।

जाह्नवी कपूर ने इंस्टाग्राम में किया पोस्ट शेयर

एक्ट्रेस ने इस घर का एक वीडियो भी अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। जिसमें इस घर की बुकिंग 12 मई से स्टार्ट होने की डिटेल दी गई है। इतना ही नहीं इस घर में आम लोग फ्री में भी रह सकते हैं बस उनको कुछ क्राइटीरिया को फॉलो करना होगा। इसके लिए उन्हें टिकट का अप्लाई करना होगा जिसने गोल्डन टिकट जीता वह इस घर में कम पैसों में या फ्री में रह सकते हैं। वहीं, इस साल केवल 4000 टिकट उपलब्ध हैं।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें- Hindi News Today: ताज़ा खबरें, Latest News in Hindi, हिन्दी समाचार, आज का राशिफल, Raftaar - रफ्तार:

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in