नई दिल्ली , 20 अगस्त , रफ़्तार डेस्क : आयकर विभाग ने कर्मचारियों को मिलने वाले किराया-रहित आवास की मूल्यांकन प्रक्रिया में परिवर्तन करने के नए नियम जारी किए हैं। यह परिवर्तन कर्मचारियों को अब अधिक बचत का मौका देगा, जिनके पास पर्याप्त वेतन है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इसके संबंध में शनिवार को अधिसूचना जारी की है जिसके अनुसार ये नए नियम 1 सितंबर से प्रारंभ होंगे। इस नए नियम के तहत, वे कर्मचारी जिनके पास कंपनी की तरफ से नियोक्ताओं को मिलने वाले किराया-रहित आवास है, और जिनके पास पर्याप्त वेतन है, वे अब अधिक बचत कर सकेंगे।
नई योजना के तहत, जिन शहरों में वेतन की जनगणना के अनुसार 2011 में 40 लाख से अधिक आबादी है, वहां के कर्मचारियों के लिए किराया-रहित आवास की मूल्यांकन प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। उनके वेतन का 10% मूल्यांकन होगा, जो पहले 2001 की जनगणना में 15% था। विपरीत दिशा में, जहां वेतन की जनगणना के अनुसार 2011 में 40 लाख से कम आबादी है, वहां के कर्मचारियों के लिए उसका 7.5% मूल्यांकन होगा, जो पहले 2001 की जनगणना में 10% था।
इस प्रकार, आयकर विभाग ने नियोक्ताओं के लिए किराया-रहित आवास के मूल्यांकन में परिवर्तन करके उन्हें अधिक बचत करने का अवसर प्रदान किया है। यह स्वागतनीय कदम वेतन और आवास के मामले में कर्मचारियों के लिए है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा।
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