नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट में अभी तक 11.31% मतदान हुआ है। यहां से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान भाजपा प्रत्याशी हैं। आज यहां लोकसभा के पहले चरण के चुनाव हो रहे हैं। देखना होगा कि मतदाताओं का किस प्रत्याशी पर अपने मताधिकार का प्रयोग होता है। इस खबर में हम संजीव बालियान के राजनीतिक समीकरण को समझने की कोशिश करेंगे।
ठाकुरों की नाराजगी
भाजपा ने उतर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के लिए केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान पर फिर से विश्वास जताया है। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने वर्ष 2014 और वर्ष 2019 के चुनाव में जीत हासिल की थी। वहीं ठाकुरों की नाराजगी के कारण बीजेपी उम्मीदवार संजीव बालियान को इस बार के लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
भाजपा के ही अन्य प्रसिद्ध नेता संगीत सोम के साथ खराब रिश्ते
सांसद संजीव बालियान और भाजपा के ही अन्य प्रसिद्ध नेता संगीत सोम के बीच खराब रिश्ते को लेकर भाजपा को मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। क्यूंकि संगीत सोम ठाकुर समाज से आते हैं। ठाकुर समाज ने इस बार मतदान न करने का भी ऐलान किया हुआ है।
चुनाव में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान ने पिछले लोकसभा चुनावो में लगातार दो बार जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार उनके लिए मुश्किलें खड़ी होती दिख रही है। इस बार सपा ने जाट नेता हरेंद्र मलिक को इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। BSP ने इस लोकसभा सीट से दारा सिंह प्रजापति को चुनावी मैदान में उतारा है। इन नेताओ के चुनावी मैदान में आ जाने के कारण इस बार के चुनाव में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। मुस्लिम वोटर BSP के साथ खड़े दिख रहे हैं। ऐसे में संजीव बालियान के लिए मुसीबतें बढ़ती जा रही है।
जयंत चौधरी एनडीए में शामिल हो गए हैं
वहीं संजीव बालियान के लिए एक अच्छी खबर यह है कि जयंत चौधरी एनडीए में शामिल हो गए हैं। जयंत चौधरी के एनडीए में आ जाने के कारण जाट वोट भाजपा के पक्ष में पड़ सकते हैं। अबकी बार भाजपा को जाट वोटों की कोई चिंता नहीं है।
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