Election 2024: धनंजय सिंह को जमानत मिली, लेकिन नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, जौनपुर से बरेली तक बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी

Loksabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जौनपुर से बरेली जेल में शिफ्ट कर दिया गया। धनंजय की पत्नी चुनाव लड़ रही हैं।
बाहुबली धनंजय सिंह।
बाहुबली धनंजय सिंह।रफ्तार।

नई दिल्ली, रफ्तार। पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। धनंजय सिंह को आज ही जौनपुर से बरेली जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। हालांकि, कोर्ट ने धनंजय सिंह को दोष से बरी नहीं किया है। उनकी पत्नी एवं जौनपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीकला रेड्डी जौनपुर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की उम्मीदवार हैं। पूर्व सांसद छह मार्च से जौनपुर के जिला कारागार में बंद थे। एमपी एमएलए अदालत ने उन्हें सात साल की सजा सुनाई है। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद और उनके एक सहयोगी द्वारा दाखिल आपराधिक अपील सुनवाई के लिए मंजूरी की थी।

अपहरण और फिरौती मामले में जेल में बंद

जौनपुर की सांसद-विधायक अदालत से रिकॉर्ड तलब किया था, जिसके जरिए इन्हें नमामि गंगे परियोजना के प्रबंधक के अपहरण और फिरौती के मामले में सात साल की सजा सुनाई गई थी।

धनंजय की पत्नी बसपा से लड़ रहीं टिकट

धनंजय ने जिला एवं सत्र न्यायालय से मिली सजा पर रोक लगाने और अंतिम फैसले तक जमानत पर रिहा करने के लिए हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है। हाईकोर्ट से उनको राहत मिली तो वह खुद जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। फिलहाल उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी को बसपा से चुनाव लड़ रहीं हैं। धनंजय बसपा से सांसद रह चुके हैं।

सात साल की मिली है सजा

जौनपुर की सांसद-विधायक अदालत ने इसी साल छह मार्च को पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम सिंह को साल 2020 के एक केस में सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। मामला जल निगम के अधिकारी अभिनव सिंघल के अपहरण और फिरौती से जुड़ा हुआ है। सिंघल तब नमामि गंगे के परियोजना प्रबंधक थे। पूर्व सांसद और उनके साथी के खिलाफ साल 2020 में जौनपुर के लाइन बाजार पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था।

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