पेपर लीक से परेशान MP सरकार, दसवीं बोर्ड की परीक्षा शुरू; सोशल मीडिया पर वायरल हुआ 'हिंदी का पेपर'

MP News: माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा सोमवार से शुरू हो गई। पहले दिन सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक हिंदी का पर्चा हुआ।
पेपर लीक से परेशान MP सरकार, दसवीं बोर्ड की परीक्षा शुरू; सोशल मीडिया पर वायरल हुआ 'हिंदी का पेपर'
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भोपाल, (हि.स.)। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा सोमवार से शुरू हो गई। पहले दिन सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक हिंदी का पर्चा हुआ। इंदौर में सोशल मीडिया साइट्स पर कथित पेपर आउट होने की सूचना है। कई ग्रुप्स पर इसे शेयर किया गया। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है कि क्या ये वही पेपर है, जो परीक्षार्थियों को हल करने के लिए दिया गया।

10 वीं बोर्ड परीक्षा के पहले दिन कई जगह परेशानियां सामने आईं

सोमवार से शुरू हुई 10 वीं बोर्ड परीक्षा के पहले दिन कई जगह परेशानियां सामने आईं। इंदौर में पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने की सूचना से छात्रों में बेचैनी है। वहीं, मुरैना के शासकीय नवीन हाई स्कूल क्रमांक 01 में बच्चों के पास प्रवेश पत्र होने के बावजूद शिक्षकों ने रोक दिया।

शिक्षकों का कहना था कि आधार कार्ड भी साथ होना चाहिए

शिक्षकों का कहना था कि आधार कार्ड भी साथ होना चाहिए। डीईओ के हस्तक्षेप के बाद सभी छात्रों को प्रवेश दिया गया। धार की सरदारपुर तहसील में अर्चना विद्यापीठ के स्टूडेंट्स को परीक्षा शुरू होने तक प्रवेश पत्र नहीं मिल सके। जिसके कारण छात्र 10वीं की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए। इससे नाराज विद्यार्थियों ने सोमवार सुबह पैरेंट्स के साथ बदनावर-सरदारपुर मार्ग पर चक्काजाम कर दिया।

यह मेहनत के बल पर परीक्षा देने वाले विधार्थियों के साथ बड़ा अन्याय है

बोर्ड परीक्षा का समय विधार्थियों और उनके माता पिता के लिए बहुत ही मानसिक तनाव वाला होता है। विधार्थियों का पूरा भविष्य इन बोर्ड परीक्षा पर निर्भर करती है। हर माता पिता अपने बच्चे का उज्वल भविष्य चाहते हैं। इसके लिए वे अपने बच्चों के साथ खूब मेहनत करते हैं। जिस तरह से मध्य प्रदेश की दसवीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा का हिंदी विषय का पेपर लीक होने का वीडियो वायरल हो रहा है। यह वाक्य में विधार्थियों और उनके माता पिता का हौसला तोड़ने का कार्य करने वाली खबर है। यह मेहनत के बल पर परीक्षा देने वाले विधार्थियों के साथ बड़ा अन्याय है। इसकी पूरी तत्परता के साथ जांच होनी चाहिए। अगर यह घटना सत्य पायी जाती है तो दोषियों के साथ सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।

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