नई दिल्ली रफ्तार डेस्क 17 January 2024: हिंदू धर्म में गणेश भगवान की पूजा का बहुत महत्व है। भगवान गणेश की पूजा सभी भगवानों के पहले की जाती है। हर शुभ काम में गणेश भगवान का नाम लिया जाता है। कहते हैं कि ऐसे कई मंत्र हैं जिनके जाप से गणेश भगवान जल्दी प्रसन्न होते है। और उनकी कृपा से आपके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं।
ऊं ह्रीं ग्रीं ह्रीं
यह मंत्र चार अक्षरों सबसे सरल और छोटा मंत्र है।आप भगवान गणेश की पूजा करते समय इस मंत्र का 108 जाप कर सकते हैं। इससे सुख-संपत्ति और समृद्धि मिलती है। जिससे आपके जीवन में धान की कमी नहीं होती।
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
इस मंत्र के जाप से नौकरी-व्यवसाय से जुड़ी परेशानी दूर होती है। अगर आपको नौकरी मिलने में बाधा आ रही है तो इस मंत्र का हर रोज एक माला जाप करें।
'ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा'
अगर आपकी शादी विवाह में कोई अर्चन आ रही है तो आप इस मंत्र का आप जब कर सकते हैं।
इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः'
इस मंत्र जाप तब करें जब आप पूजा में भगवान गणेश को दुर्वा चढ़ा रहे हों। भगवान गणेश को दुर्वा अतिप्रिय है। दुर्वा चढ़ाते समय इस मंत्र के जाप से बप्पा प्रसन्न होते हैं।
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।
घर में अक्सर लड़ाई झगड़े होते ही रहते हैं। घर के क्लेश को शांत करने के लिए इस जाप मंत्र का जाप करना चाहिए।इस मंत्र के जाप से घर खुशियों से भरा रहता है और धन, धान्य संपत्ति, समृद्धि, वैभव, विद्या, पराक्रम, शांति की प्राप्ति होती है।
ॐ ऐं ह्वीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे'
यह मंत्र बुध ग्रह से संबंधित होता है। आप कुंडली में बुध ग्रह दोष को दूर करने करे लिए इस मंत्र का जाप बुधवार के दिन करें।
अन्य ख़बरों के लिए क्लिक करें - www.raftaar.in
डिसक्लेमर
इस लेख में प्रस्तुत किया गया अंश किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की पूरी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता। यह जानकारियां विभिन्न स्रोतों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/प्रामाणिकताओं/धार्मिक प्रतिष्ठानों/धर्मग्रंथों से संग्रहित की गई हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य सिर्फ सूचना प्रस्तुत करना है, और उपयोगकर्ता को इसे सूचना के रूप में ही समझना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसका कोई भी उपयोग करने की जिम्मेदारी सिर्फ उपयोगकर्ता की होगी।