नई दिल्ली रफ्तार डेस्क।24 April 2024। गणेश भगवान विघ्नहर्ता के नाम से भी जाने जाते हैं। भगवान गणेश की पूजा प्रथम देवता के रूप में की जाती है। मान्यता है कि उनकी पूजा करने से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं और भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। आज के दिन आपको भगवान की पूजा अर्चना करते समय आपको उनके प्रभावशाली मंत्रों का भी जाप करना चाहिए साथ ही कुछ बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।
किसी भी देवी देवताओं की पूजा अर्चना, किसी उत्सव या किसी भी शादी विवाह के कार्यक्रम या मांगलिक कार्यों को करने से पहले भगवान श्री गणेश को याद करना शुभ माना जाता है। गणेश भगवान की पूजा करने के लिए आपको सबसे पहले सुबह के समय ही स्नान कर लेना चाहिए।फिर पूजा आरंभ करें। सबसे पहले गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें। दूर्वा भगवान गणेश के मस्तक पर रखना चाहिए। इसके बाद आप उन्हें लड्डू व मोदक का भोग लगाकर उनकी आरती उतारे और उसे आरती को पूरे घर में दिखाएं इससे घर की नेगेटिविटी दूर हो जाती हैं।
भगवान गणेश जी की प्रतिमा में उनका सूंड दाएं या बाएं दिशा में होती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि घर में गणेश जी के मूर्ति को यदि आप स्थापित करें, तो उनकी सूंड बायीं दिशा में मुड़ी हो।
बुधवार के दिन भगवान गणेश की उपासना अवश्य करें। साथ ही घर में स्वास्तिक चिन्ह अवश्य बनाएं। ऐसा करने से घर में सुख शांति बनी रहती है।
गणपति की पूजा में दूब यानी दूर्वा अर्पित करना ना भूलें ये अत्यंत शुभ माना जाता है। बिना दूर्वा के भगवान गणेश की पूजा सफल नहीं होती।
ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा'
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गण्पत्ये वर वरदे नमः
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात”
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।'
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये।
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
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