नई दिल्ली रफ्तार डेस्क।25 April 2024। घर-मंदिर में होने वाली पूजा में कलावा बांधने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। ऐसी मानता हैं कि हाथ में कलावा होने से भगवान जातक की रक्षा करते है और उन पर अपनी कृपा बनाए रखते है। लेकिन वास्तु के अनुसार अगर कलवा का सही उपयोग न किया जाए। और इससे जुड़ी कुछ बातों का ध्यान ना रखा जाए तो यह आप पर गलत प्रभाव भी डालता है।
कलावा का करें विसर्जन
अधिकतर लोग कलावा उतार के कहीं भी फेंक देते हैं इसका बहुत गलत प्रभाव पड़ता है। कलावा उतारने के बाद उसका सही तरीके से विसर्जन ज़रूर करें। आप उसे जल में प्रवाहित कर सकते हैं।
कलावे को हमेशा 3 या 5 राउंड घुमाकर ही हाथ में बांधना चाहिए। इसके साथ ही हाथ में कलावा बांधते समय ‘येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वां मनु बध्नामि, रक्षे माचल माचल’ मंत्र का उच्चारण करना बहुत शुभ माना जाता है। बिना मंत्र के अलावा बढ़ने का कोई फल प्राप्त नहीं होता।
वास्तु के अनुसार के मुताबिक अगर पुरुष हाथ में कलावा बंधवा रहे हैं तो उन्हें अपने दाहिने हाथ में कलावा बंधवाना चाहिए। जबकि विवाहित महिलाओं को बाएं हाथ में कलावा बंधवाना चाहिए। कुंवारी कन्याओं को अपने दाहिने हाथ कलावा बंधवाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मकर और कुंभ राशि के लोगों को कलावा नहीं बांधना चाहिए। इनके लिए कलावा शुभ नहीं है। दोनों राशि के लोगों को कलावे के स्थान पर हमेशा काले रंग का धागा धारण करना चाहिए।
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